56वें विजयादशमी मेले का कवि सम्मेलन से हुआ समापन

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
56वें पांच दिवसीय विजयादशमी मेले के समापन पर आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन के दौरान काव्य पाठ करते हुए विररस के राष्ट्रीय कवि वेद व्रत वाजपेयी ने कही। उन्होंने कहा कि थांदला के श्रोताओं का कविता प्रेम अतुलनीय है रात की 4 बजे श्रोताओं की उपस्थिति एवं कविताओं पर बज रही तालिया इस बात का प्रतीक है कि असली कवि ही यहां आपके बीच उपस्थित होने का साहस कर सकते है। जब भी निमंत्रण आएगा बिना कुछ सोचे दोड़ कर आउंगा। उनकी वीररस की ओज एवं राष्ट्रप्रेम से भरपूर कविता का उपस्थित श्रोताओं ने अलसुबह 4 बजे तक आनंद लिया। उनकी रचनाएं हम कीर्ति कलश सौंप चुके है। दुर्बल हाथों में, आधा देश गवां चुकें है, मीठी-मीठी बातों में कर्तव्यों का हुआ विसर्जन होड़ लगी अधिकारों की, पूरी आजादी बंधक बनी है दो चार राजघरानों की, देश के खातिर सेना के जांबाज सिपाही मरते है लेकिन नेताओं की पाक-परस्ती से सभी डरते है, पर श्रोताओं की सराहना मिली। राष्ट्रीय कवि वाजपेयी के काव्य पाठ के समय पूरा परिसर राष्ट्रभक्ति में झूम उठा। कवि सम्मेलन में काव्य पाठ का शुभारंभ श्रंगार रस कविता किरण द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। कविता किरण की वृद्धाश्रम कविता ने श्रोताओं के कंठ भर दिए, जिसके पश्चात विर रस कवि वाजीद अली ने ओज से भरी वीर रस की कविताओं का पाठ एवं हास्य व्यंग्य दिए। कुशलगढ़ की मेहर माही ने श्रंगार रस की कविता पावन-अहसासों की फिर हुई मीरा दीवानी, बेटी हूं देश की देश का मान हु जैसी सुंदर श्रंगार रस की कविताओं का पाठ किया। हास्य कवि लोकेश महाकाली ने देश के प्रसिद्ध ख्याति प्राप्त कवियों स्वयंवर मिमक्री कर श्रोताओं को खुब गुदगुदाया। खासकर कवि हरी ओम पवंर की मिमिक्री पर लोगो को खुब गुदगुदाया। सूत्रधार चिंतन जैन सनकी सिलेंडर ने प्रेम की परिभाषा एवं गम्भीरता पर काव्य पाठ किया। गीतकार पार्थ नवीन-पेरोडी द्वारा प्रेम एवं सुन्दरता पर गीत गाये। हास्य व्यंग कवि शांति तूफान ने, जन्म-मृत्यु का ज्ञान करा दे वे है माता पिता एवं विभीन्न ज्वलंत मुद्दो पर दिये अपने हास्य समाधानों से श्रोताओं का मनमोह लिया। संचालनकर्ता राजेन्द्र शर्मा ने वेलेंटाईस डे 14 फरवरी की जगह 23 मार्च जो की देश प्रेम का प्रतीक है होने पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक कलसिंह भाबर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शैलेष दुबे, कुशलगढ नप अध्यक्ष रेखा जोशी, कुशलगढ़ नगर मंडल अध्यक्ष नितेश बैरागी, झाबुआ नगर मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया।
यह रहे उपस्थित-
कवि सम्मेलन के पूर्व आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को मंडी उपाध्यक्ष गणराज आचार्य, नप उपाध्यक्ष मनीष बघेल, पार्षद पीटर बबेरिया, गजेंद्र चौहान, समर्थ उपाध्याय, लक्ष्मण राठौड़, लीला भाबर, आनंद चौहान,   रोहीत वैरागी समेत पार्षदों ने पुरस्कृत किया। आभार नप अध्यक्ष बंटी डामोर ने माना। इस अवसर पर श्यामा ताहेड़, अनिल भसंाली, राकेश सोनी, संजय भाबर, अमित शाहजी, महेश नागर, पारस तलेरा, शांतिलाल सोलंकी, पूर्व नप अध्यक्ष राजेश डामोर, सांसद प्रतिनिधि गुरुप्रसाद अरोरा, गुलाम कादर खान, हेमंत शर्मा, धवल अरोरा, जानकीलाल राठौर, गोपाल बैरागी, वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट, कुन्दन अरोरा, मुकेश अहिरवार, रितेश गुप्ता, कमलेश जैन कुवाड़, शाहिद खान, सीएमओ अशोक शर्मा, मेला प्रभारी अशोक चौहान, शीतल जैन, ओम प्रकाश नागर, विजय गिरी, गौरांक राठौर, निलेश नागर, धार्मिक आचार्य, यशदीप अरोरा समेत बडी सख्ंया में नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से आये श्रोतागण उपस्थीत रहे।

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