108 कुंडीय विश्व कल्याण महायज्ञ के साथ स्वर्ण जयंती समारोह का हुआ समापन

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थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
अखिल भारतीय दयानन्द सेवाश्रम संघ द्वारा संचालित महर्षि दयानंद सेवाश्रम थांदला जिला झाबुआ मप्र के स्थापना को पचास वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष का शुभारम्भ ग्राम पिपलोदाबडा में धर्मरक्षा समिति द्वारा 20/21/22 फरवरी को आचार्य दयासगर के कुशल नेतृत्व में 108 कुंडीय वैदिक विश्व कल्याण महायज्ञ व भक्ति सत्संग का विराट आयोजन धूमधाम के साथ 5 हजार लोगों के उपस्थिति में संपन्न हुआ। गौरतलब है कि आज से 50 वर्ष पूर्व थांदला में हमारे पूर्वज आर्यजनों ने ईसाइयों के प्रकोप से जिले में बडी तेजी से हो रहे धर्मांतरण पर अंकुश लगाने व जन-जन में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम-योगेश्वर श्रीकृष्ण- महर्षि दयानन्द सरस्वती के विचारों का स्वजीवन, स्वपरिवार, स्वसमाज व स्वदेश बनाने की दृष्टि से महर्षि दयानन्द सेवाश्रम थांदला की स्थापना की थी। इन पचास वर्षों में सेवाश्रम द्वारा चलाए गए बालक आश्रम, कन्याश्रम, छात्रावास, बालवाडी, शिक्षा केन्द्र,स्वस्थ्य केन्द्र, वैचारिक क्रांति शिविर, कन्या जागृति शिविर, मद्य निषेध शिविर, अस्पृश्यता निवारण शिविर, आर्य वीर दल व चरित्र निर्माण शिविर, वैदिक पद्धति से बड़े स्तर पर विवाहों का आयोजन वेद प्रचार आयोजन, भजन मंडली आदि अभियानों से अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक सुधार हुए। 1968 से संचालित सेवाश्रम के पचास वर्ष पूर्ण होने अगामी वर्ष 2019 के जनवरी में महर्षि दयानन्द थांदला में अखिल भारतीय स्तर पर विशाल वेद एवं वैदिक संस्कृति सम्मेलन, वैदिक जन जनतिय सम्मेलन व बड़े स्तर पर महायज्ञ करने का निर्णय लिया गया है । जिसका शुभारम्भ उपरोक्त कार्यक्रम के माध्यम से किया गया है। विशाल अयोजन को सम्पन्न करने की जिम्मेदारी संवश्रम के कोषाध्यक्ष गुलाबसिंह आर्य, सेवाश्रम सदस्य कैलाश सेहलोत सेवाश्रम उपाध्यक्ष वरिष्ठ सामाज सुधारक व राजनैतिक कार्यकर्ता भुरका भाई, राकेश भूरिया व साथियों के मजबूत कंधों पर संयोजकत्व का भार देकर 108 कंडीय विश्व कल्याण महायज्ञ व वैदिक भक्ति सत्संग हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। आयोजन में अत्यन्त पिछड़े क्षेत्र व धर्मांतरण कुचक्र से प्रभावित चार ग्राम पंचायत पिपलोदा बडा, पीपलखूंटा, काजलीडूंगरी, विसलपुर तथा आसपास के क्षेत्र को शामिल किया गया।। सेवाश्रम के संचालक व छ.ग. प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के पूर्व प्रधान आचार्य दयासागर के कुशल नेतृत्व में समारोह का दृश्य अद्भूत व लोमहर्षक था। 108 कुंडों पर उपस्थित 111 जोड़ी यज्ञमान दम्पत्ति को एक साथ भारतीय वैदिक परिवेश में जनजाति बन्धुओं को महायज्ञ करते हुए देखकर हर्षातिरेक से लोगों की आंखें नम हो गई। आश्चर्य की नजरों से देखकर सहसा कुछ समय के लिए जुबान भी बयां करने के लिए ठहर सी गई। आज से पूर्व भी इस तरह का आध्यात्मिक याज्ञिक वातावरण बनाया जाता तो विधर्मियों का ताण्डव आज की तरह न होता। महायज्ञ के अन्तिम दिन 22 फरवरी को मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के विद्वान व कर्मठ महामंत्री प्रकाश आर्य का विशेष आगमन हुआ। मंत्रीजी ने आयोजन को सफल अनाने वाले महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं को फूल माला पहनाकर आशीर्वाद दिया तथा अपने प्रेरणास्पद व सारगर्भित उद्बोधन से गरिमा प्रदान की तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करते हुए धर्म रक्षा के लिए चलाए जा रहे सभी अभियानों में सहयोग देने का आश्वासन दिया। विगत 25 वर्षों से मध्यप्रदेश व राजस्थान में सेवाश्रम की सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में पूर्णत: समर्पित जीववर्धन शास्त्री ने सेवाश्रम के इतिहास की ओर इंगित करते हुए पूजनीया माता प्रेमलता शास्त्री व ईश्वर रानी माता के योगदान की चर्चा करते हुए आपसी भाई चारे से प्रेम पूर्वक स्वधर्म में रहने का संदेश दिया। मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा भोपाल की मजबूत प्रचारकों की टीम ने एक सप्ताह पूर्व से अलग -अलग गांवों में प्रचार की कमान संभाल रखी थी। जिसमें आचार्य सुरेशचन्द्र जी शास्त्री के अत्यन्त सारगर्भित प्रवचन हुए । पं. दिलीप आर्य, पं. बिनोद आर्य व पं. सुरेश आर्य के द्वारा गाये गए गीत व वैदिक भजनों की श्रृंखला ने नया जोश व उत्साह का वातावरण बना दिया। 108 कुण्डीय महायज्ञ की व्यवस्था में महर्षि दयानन्द सेवाश्रम थांदला के 100से अधिक छात्र-छात्राओं ने एक सप्ताह तक दिन रात लगकर यज्ञशाला , यज्ञकुण्ड निर्माण व याज्ञिक व्यवस्था में अथक परिश्रम किया, निश्चित ही संस्कारवान विद्यार्थियों का कार्य अत्यन्त स्तुत्य एवं प्रशंसनीय है। पं. धर्मवीर शास्त्री, पं. रणवीर शास्त्री, पं. संजय शास्त्री, पं. पंकज शास्त्री आदि विद्वानों ने याज्ञिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । महर्षि दयानन्द सेवाश्रम थांदला के शिक्षक महानुभाव एवं काकनवानी छात्रावास व विद्यालय के शिक्षक महानुभावों का प्रयास सराहनीय रहा। इस महायज्ञ को सफल बनाने में सेवाश्रम के अध्यक्ष विश्वास जी सोनी व संगीता सोनी ने 150 साडी व 75 किलो घी की व्यवस्था कर अनुकरणीय कार्य किया तथा नगरपालिका परिषद थांदला के अध्यक्ष माननीय भाई बंटी डामोर ने यज्ञ व्यवस्था में आर्थिक सहयोग दिया। आर्य समाज रतलाम ने यज्ञपात्रों की विशेष व्यवस्था की तथा आर्य समाज सैनिक विहार के पूर्व मंत्री विनय अग्रवाल ने चार क्विंटल हवन समाग्री देकर महायज्ञ को सफल बनाया।आयोजन में सेवाश्रम से जुड़े सैकडो़ कार्यकर्ताओं के दिन रात के मेहनत व धर्म रक्षा समिति के सदस्यों के द्वारा सर्वाधिक समर्पण से यह विशाल आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें पिपलोदा बडा के सरपंच नाथुसिंह निनामा,दिपेश निनामा,बदिया वारिया, दिनेश , श्रीनाथ , बाबुभग , शिक्षक नरेन्द्र पारग,शिक्षक महेन्द्र, डॉ जामुसिंह आदि प्रमुख रहे। गायत्री मंत्र और वैदिक भजनों का गान करते हुए मनमोहक व सुन्दर यज्ञशाला की परिक्रमा कर रहे हजारों ग्रामवासियों को देखकर ऐसा लग रहा था, मानो श्री राम युग व वैदिक स्वर्ग यही है।

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