102 वर्ष की आयु में संथारे के साथ जैन भागवती दीक्षा सम्पन्न

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 रितेश गुप्ता@थांदला:

सकल जैन समाज में तीन मनोरथ का जिक्र आता है पहला आरम्भ परिग्रह घटाने का दूसरा उसे पूर्णतया त्याग कर जैन साधु बनने का व तीसरा अन्न जल त्याग कर पंडित मरण (संथारा) मरने का। हर व्यक्ति के लिए यह तीन मनोरथ की भावना करना भी सहज नही है ऐसे में इसे प्राप्त करना तो अति दुष्कर कार्य है। लेकिन यह दुष्कर कार्य भी जिन शासन में होते आये है यही इसकी प्रभावना भी है व गौरव भी। इतिहास में पहला अनूठा प्रसंग मंगलवार को थांदला में घटित हुआ जब 102 वर्ष की आयु में छाजेड़ परिवार के श्री स्व. माणकलाल छाजेड़ की
धर्मपत्नी, महासती प्रतिज्ञाजी मसा की सासु माँ व शतायु गेंदालाल शाहजी की बहन सुश्राविका संथारा साधिका धर्मनिष्ठ श्रीमती सुगंधबाई छाजेड़ ने अपना अंतिम समय निकट जानकर संथारे के साथ जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर नवदीक्षिता महासती  सुलीनाजी मसा बन गई। स्थानीय पौषध भवन में सादगी पूर्ण समारोह में परिवार व संघ पदफ़हीकरियों की मौजूदगी में यहाँ विराजित स्थविर साध्वी पूज्या  निखिलशीला म.सा. ने पूरी दीक्षा विधि सम्पन्न करवाई। यह दीक्षा कई मायनों में ऐतिहासिक हुई है। इस पंचम आरे में एक ही परिवार से सास – बहू के रूप में दीक्षित होने के साथ
102 वर्ष की दिर्घायु में होने वाली यह पहली दीक्षा है।

बचपन से थे धर्म के संस्कार

सुगंधबेन का सांसारिक पीहर परिवार थांदला के ख्यात शाहजी परिवार से ही है। केसरबाई व सेठ जोरावरमल शाहजी आपके सांसारिक माता – पिता है। 2 भाई व 5 बहनों में 1 बहन (रतनकुंवरजी मसा) पूर्व में दीक्षा ग्रहण कर चुकी है, वही आपकी एक बहु (प्रतिज्ञजी मसा) ने भी दीक्षा ग्रहण की है। सांसारिक पक्ष में आपके 2 बेटे व 6 बेटिया है।

तपस्या व धर्म ध्यान से ओत-प्रोत जीवन

तप प्रधान जिन शासन में आपने पूरे जीवनकाल में मासक्षमण, वर्षितप, अट्ठाई, बेले – तेल, जमीकंद त्याग, रात्रि भोजन त्याग, भोजन में द्रव्य की मर्यादा, प्रतिदिन सामयिक के नियम थे, सन्त सती के प्रति गोचरी के अहोभाव रहते थे। आपकी संथारा ग्रहण कर दीक्षा के दुर्लभ अवसर पर छाजेड़ व शाहजी परिवार के अलावा, वयोवृद्ध 108 वर्षीय गेंदालाल शाहजी, श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, संघ सचिव प्रदीप गादिया, धर्मदास गण परिषद के भरत भंसाली, आईजा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष कपिल पिचा, धर्मलता महिला मंडल अध्यक्षा शकुंतला कांकरिया, जैन सोशल ग्रुप के महावीर गादिया सहित अनेक पदाधिकारी व रिश्तेदार मौजूद थे उन्होंने तपस्वी चारित्र आत्मा के प्रति निर्बाध रूप से संयम आराधना द्वारा जल्द मोक्ष प्राप्ति की मंगल कामना की।

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