थांदला। हिन्दी भाषा और साहित्य को हमारी आवश्यकता नहीं है। हमें अपनी अस्मिता की रक्षा के लिये हिंदी की आवश्यकता रहेगी। यह विचार हिंदी साहित्य भारती इकाई झाबुआ की अध्यक्ष तथा पूर्व प्राचार्य डाक्टर जया पाठक ने हिंदी दिवस के अवसर पर व्यक्त किये।

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