हमें अपनी अस्मिता की रक्षा के लिये हिंदी की आवश्यकता : डॉ. जया पाठक

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थांदला। हिन्दी भाषा और साहित्य को  हमारी आवश्यकता नहीं है। हमें अपनी अस्मिता की रक्षा के लिये हिंदी की आवश्यकता रहेगी। यह विचार हिंदी साहित्य भारती इकाई झाबुआ  की अध्यक्ष तथा पूर्व प्राचार्य डाक्टर जया पाठक ने  हिंदी दिवस के अवसर पर व्यक्त किये।

हिंदी साहित्य भारती इकाई झाबुआ एवं स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ महाविद्यालय थांदला के संयुक्त तत्वावधान से आयोजित ‘‘ हिन्दी दिवस’’ कार्यक्रम में राष्ट्र भाषा हिंदी पर आधारित भाषण, कविता, गीत आदि प्रतियोगिता भी हुईं। प्रतियोगिता में विजयी  छात्र अभिषेक कटारा, रेणुका राणा, शांतिलाला, विद्यालक्ष्मी, कमलेश, अजय भाबर आदि ने मुख्य अतिथि डाक्टर पाठक से पुरस्कार प्राप्त किये।

महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅक्टर पीटर डोडियार ने हिंदी की तकनिकी एवं भौगोलिक जानकारी देकर छात्रों का मार्ग प्रशस्त किया। डाॅ. मीना मावी, प्रो. विजय मावी, डाॅ. छगन वसुनिया, ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर, प्रो. एस.एस. मुवेल, डाॅ. दीपिका जोशी, डाॅ. सुनिताराज सोलंकी, प्रो. ऋतुसिंह राठौर, प्रो. छतर सिंह चैहान, डाॅ. राकेश चरपोटा, नेहा वर्मा, डाॅ. राजेन्द्र चैहान, प्रो. हिमांशु मालवीया, दिनेश मोरिया, सहित बडी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अर्चना अवस्थी एवं प्रो. माला वर्मा ने एवं आभार स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. संदीप चरपोटा ने माना।

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