सार्थक परिवार ने नोगांवा नदी मुक्तिधाम के कायाकल्प का बीड़ा उठाया

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थांदला। नौगांवा नदी तट पर स्थित नगर के पुराने मुक्तिधाम के कायाकल्प का सामाजिक संगठन साथर्क परिवार ने बीडा उठाया है। नौगांवा नदी मुक्तिधाम के सवर्सुविधायुक्त बनाने के लिये कई संगठनो के साथ समाजसेवीयो ने भी काफी प्रयास किये।

नगर परिषद को भी मुक्तिधाम के लिये बजट आवंटित हुआ था किन्तु परिषद भी राशि का सदुपयोग नही कर पाई। मुक्तिधाम पर मूलभूत सुविधाए नही होने से दाह संस्कार करने मे काफी परेशानी आ रही थी जिसको ध्यान मे रखकर मुक्तिधाम के कायाकल्प व सवर्सुविधा युक्त बनाने की कार्ययोजना के साथ विगत दिनो साथर्क परिवार ने कार्य प्रारंभ कर दिया। कायाकल्प के अंतर्गत सवर्प्रथम मुक्तिधाम मे दाह संस्कार स्थल खुला होनेे से बारिश मे मौसम मे परेशानी होती थी जिसे प्राथमिकता के देते हुवे संस्कार स्थल को टीन शेड से ढकंवा कर सुरक्षित किया गया। जिससे अब बारीष के मौसम मे भी अंतिम संस्कार करने मे परेशानी नही होगी। साथर्क परिवार के गगनेश उपाध्याय, पंकज गोड, विजय जोशी व शुशील शर्मा ने बताया कि मुक्तिधाम को सवर्सुविधा युक्त बनाने की कायर्योजना तैयार की गई है। जिसके तहत तीन षवो के एक साथ दाह संस्कार के लिये नवीन शेड, लकडी गोदाम, शिव मंदिर, श्रृद्धांजलि हाल, स्नानगृह, उद्यान, मुख्यद्वार आदि व्यवस्था जनसहयोग से किया प्रस्तावित है तथा नगर के आमजन से भी मुक्तिधाम के लिये सुझाव मांगे गये है। साथर्क परिवार अन्य कायोर् की भांति पूरी पारदर्शिता के साथ इस कार्य के लिये कृत संकल्पित है। साथर्क परिवार के सदस्यो ने इस पूनीत कार्य मे सहभागी बनने के लिये सभी का आव्हान किया है। नौगांवा नदी मुक्तिधाम को नगर की शान के रूप मे स्थापित करने की दिशा मे किये जा रहे कायर् के लिये साथर्क परिवार की सवर्त्र सराहना की जा रही है। गौरतलब है कि साथर्क परिवार एक सामाजिक संगठन होकर सामाजिक व धामिर्क आयोजन ने सक्रिय भूमिका निभाता आ रहा है।

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