साध्वी समर्पिताजी के सानिध्य में 50 से अधिक अठाई तपाराधना

May

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
आचार्य उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी समर्पिताजी, आनंदकुंवरजी, लालिमाजी, मंगलाश्रीजी ठाणा-4 वर्षावास हेतु स्थानीय पौषध भवन पर विराजित है। आपके पावन सानिध्य मे यहां आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व की आराधना अत्यंत उत्साहपूर्वक वातावरण में की गई। श्रावक-श्राविकाओं ने आराधना में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। पर्युषण महापर्व पर प्रतिदिन प्रात: प्रार्थना, अन्तगड़दसासूत्र का वाचन, दोपहर में धार्मिक प्रतियोगिता, ज्ञानचर्चा, शाम को प्रतिक्रमण आदि विविध धार्मिक कार्यक्रम हुए। पर्युषण महापर्व पर 160 सामूहिक तेले तप की तपस्या हुई। तपाराधकों के सामूहिक पारणें महावीर भवन पर हुए जिसका लाभ प्रवीण कांतिलाल पीचा परिवार ने लिया। महापर्व पर साध्वी मंडल के सानिध्य मे 50 से अधिक तपाराधकों ने अ_ाई आदि विभिन्न तपाराधना की। तपाराधकों का मंगलवार को श्रीसंघ द्वारा धर्मसभा में बहुमान किया गया। मंगलवार को संवत्सरी महापर्व जप-तप से मनाया गया। साध्वी मंडल ने धर्मसभा में संवत्सरी महापर्व पर विस्तार से प्रकाष डाला। श्रीसंघ के अध्यक्ष रमेशचन्द्र चौधरी, नवयुवक मंडल के सचिव चिराग घोड़ावत ने अपने विचार व्यक्त किए। अनिल भंसाली ने मालवी भाषा में पाती का वाचन किया। संवत्सरी महापर्व पर 800 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक उपवास तप की तपस्या कीे। शाम को संवत्सरी महापर्व का प्रतिक्रमण किया। बुधवार को उपवास आदि तपस्या करने वाले समस्त तपाराधकों के सामूहिक पारणे महावीर भवन पर हुए। इसके अलावा असाध्वी समर्पिताजी के सानिध्य में 50 से अधिक अठाई तपाराधना तपाराधकों के भी पारणे हुए। पारणे करवाने का लाभ चौधरी परिवार ने लिया । बुधवार को धर्मसभा मे सामूहिक क्षमायाचना का आयोजन हुआ। साध्वी मण्डल ने क्षमा के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। साध्वीमण्डल ने क्षमायाचना भी की। श्रीसंघ की ओर से संघ अध्यक्ष रमेशचन्द्र चौधरी ने अपने विचार रखे और साध्वी मंडल से क्षमायाचना की। सभा मे श्रीसंघ के उपाध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, सचिव राजेन्द्र व्होरा, श्रीसंघ के पूर्व सहसचिव अशोक तलेरा, कांता बहन, मोहनलाल चोपड़ा आदि ने अपने विचार रखे। संचालन श्रीसंघ के पूर्व सचिव प्रदीप गादिया ने किया। ांदला श्रीसंघ के श्रावक-श्राविकाएं बड़ी संख्या में बदनावर और पेटलावद पहुंचे। जहाँ तपस्वी सुंदरमुनिजी ठाणा-4 और साध्वी मुक्तिप्रभाी ठाणा-4 के दर्शन, वन्दन, मांगलिक का लाभ लिया और क्षमायाचना की तथा वर्षावास के बाद थांदला पधारने की विनती की। श्रीसंघ के कोषाध्यक्ष प्रकाश एम. शाहजी ने बताया कि शुक्रवार को थांदला श्रीसंघ के श्रावक-श्राविकाएं झाबुआ मे वर्षावास हेतु विराजित साध्वी रुचिताजी आदि ठाणा-4 और कल्याणपुरा में वर्षावास हेतु विराजित साध्वी निखिलषीलाजी आदि ठाणा-4 के दर्शन, वंदन, व्याख्यान व क्षमायाचना हेतु जाएंगे।