थांदला। किसी भी बीमारी या समस्या के समाधान हेतु प्रथम चरण है, जागरूकता। यदि व्यक्ति जागरूक रहेगा तो किसी भी प्रकार की समस्या विकराल रूप धारण नहीं कर सकती।
उक्त विचार महाविद्यालय के एड्स जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अमित शाहजी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा आज सम्पूर्ण विश्व में एड्स एक ऐसी ही भयावह बीमारी के रूप में जानी जाती है, जिसमें जागरूकता की बहुत आवश्यक है। हम सब जानते है कि एड्स एक संक्रमक रोग है, जो मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के रक्त, लार द्वारा एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होता है। इससे मानवीय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है। यह कहना गलत नही होगा कि व्यक्ति एड्स के बजाय अन्य बीमारी से ग्रसित होने पर इन्यूनिटी की कमी से मृत्यु की कगार तक पहुचता है। एड्स के प्रति जागरूकता के लिए ही प्रतिवर्ष एक दिसबंर को समस्त विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सामाजिक संस्थाओं के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
