वर्षावास में बिना प्रमाद किये ज्ञान, दर्शन, चारित्र व तप की विशिष्ट आराधना करना है –     अणुवत्स संयतमुनिजी  

थांदला। आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के  आज्ञानुवर्ती अणुवत्स संयतमुनिजी, आदित्यमुनिजी, अमृतमुनिजी, अचलमुनिजी ठाणा-4 स्थानीय पौषध भवन पर एवं साध्वी श्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी एवं दीप्तिजी ठाणा-4 दौलत भवन पर वर्षावास हेतु विराजित हैं। संत व साध्वी मण्डल के सानिध्य में चातुर्मास प्रारंभ दिवस एवं चौमासी पर्व दिवस जप– तप– त्याग –तपस्या एवं उत्साहपूर्वक मनाया गया। श्रीसंघ के अध्यक्ष भरत भंसाली, सचिव प्रदीप गादिया और नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया की वर्षावास के प्रथम दिवस पर पौषध भवन में श्रावक-श्राविकाओं एवं बच्चों का मानो हुजूम उमड़ पड़ा। इससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि वर्षावास के दौरान संयमी आत्माओं की प्रेरणा से बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं विभिन्न तप एवं धर्म आराधना का लाभ लेंगे। इस प्रसंग पर अणुवत्स संयतमुनिजी ने महती धर्मसभा में कहा कि वर्षावास में बिना प्रमाद किये ज्ञान, दर्शन, चारित्र व तप की विशिष्ट आराधना करना है। अपनी शक्ति का गोपन नहीं करना हैं। शक्ति अनुसार तप आराधना आवश्यक करना हैं। सभा को आदित्यमुनिजी व निखिलशीलाजी ने भी संबोधित किया।

कई आराधकों ने की विभिन्न तपाराधना  

वर्षावास प्रारंभ दिवस से ही श्रीसंघ का प्रत्येक सदस्य अति उत्साहित नजर आ रहा हैं। यहां पर संत व साध्वी मंडल के सानिध्य में चौमासी पर्व पर 150 सामुहिक उपवास व 70 बेले की तप आराधना हुई समस्त तप आराधकों  के सामुहिक पारणे रविवार को हुए जिसका लाभ नानालाल मंगलेश श्रीश्रीमाल परिवार ने लिया ! चौमासी पर्व पर कई श्रावक-श्राविकाओं ने सामुहिक उपवास, आयंबिल, नींवी, एकासन, बियासन तप के अलावा प्रतिपूर्ण पौषध, दसवां पौषध, संवर आदि विविध आराधना करने का लाभ लिया। वहीं ऐसे गुप्त आराधक भी हैं जिन्होंने चातुर्मास प्रारंभ के पूर्व ही अपनी तप आराधना प्रारंभ कर दी हैं। वे आराधक संत सती मण्डल से गुप्त रूप में प्रत्याख्यान ले रहे हैं। इधर वर्षावास का बेसब्री से इंतजार करने वाली तपस्वी एवं ज्ञान आराधक आत्माओं का वर्षावास के प्रारंभ होते ही वर्षावास आने का इंतजार खत्म हुआ। संत व साध्वी मंडल की प्रेरणा से यहाँ वर्षावास प्रारंभ दिवस से ही विभिन्न तप की लड़ियां प्रारंभ हो गई हैं। इसमें श्रावक-श्राविकाएँ और बच्चे भी उत्साहपूर्वक भाग लेकर आराधना करने का लाभ लेंगे। वहीं श्रावक श्राविकाएं ज्ञान आराधना में रमण करने लगे हैं। सोमवार को धर्मसभा में सपना व्होरा ने 12 उपवास, प्रेरणा व्होरा ने 8 उपवास व स्वीटी जैन ने 7 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। यहां पर 71 आराधक वर्षीतप की आराधना उपवास से कर रहे है, वही 06 आराधक एकासन से वर्षीतप कर रहे हैं। यहां पर पुखराज व्होरा व श्रैया कांकरिया श्रेणी तप कर रहे हैं। वही कई आराधक विभिन्न तप आराधना कर रहे हैं।

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