रिमझिम बारिश में निकला जैन समाज के तपस्वियों व कर्नाटक से आये भगवान पार्श्वनाथ रथ का वरघोड़ा

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रितेश गुप्ता, थांदला

आज प्रातः रथ यात्रा का मंगल प्रवेश थांदला नगर में हुए जिसके साथ तपस्वियों का भव्य वरघोडा बेंड बाजे,ढ़ोल,तासे के साथ निकला गया मूर्तिपूजक श्रीसंघ ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। नगर के स्थानकवासी जैन श्रीसंघ, तेरापंथ संघ एवं दिगम्बर श्रीसंघ भी यात्रा में शामिल हुए। यात्रा की जानकारी देते हुए युवा अर्पित लुनावत, उज्ज्वल लुक्कड़, नमन चत्तर ने बताया कि राष्ट्रसंत यतिवर्य डॉ वसन्तविजयजी म.सा. के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से तमिलनाडु के पावन तीर्थ स्थली कृष्णगिरी पर विश्व का एक मात्र 421 फुट सर्वोच्च शिखर युक्त 23 फुट उची भगवान पार्श्वनाथ प्रभु की चोमुखी प्रतिमाजी की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन आगामी 3 से 11 फरवरी तक किया जाना है। जानकारी देते हुए झाबुआ- अलीराजपुर-धार यात्रा संयोजक मनोज मेहता ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य पूरे भारत को आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण देना है। सकल विश्व की शांति सह संस्कार निर्माण के उद्देश्य से पूरे भारत के 11 राज्यों में इस विश्वशांति रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर आचार्य श्रीमद विजय जयनन्दसुरीश्वरजी म.सा.की आज्ञानुवर्ती तप प्रेरक, क्रियानिष्ठ साध्वी श्री मुक्तिरत्नाश्रीजी, मुक्तिदार्शिताश्रीजी एवं मुक्तिकृपाश्रीजी म.सा.के पावन सानिध्य एवं प्रेरणा से चल रही तप आराधना जिसमें श्रीमती श्वेता भूपेंद्र नाहटा 22 उपवास, श्रीमती ममता कमलेश दायजी 9 उपवास के अलावा सिद्धि तप के तपस्वियों का भव्य वरघोड़ा निकाला गया।
रिमझिम बारिश में यह यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई स्थानीय नयापुरा जिनालय पर धर्मसभा एवं तप अनुमोदना में परिवर्तित हो गई। धर्मसभा में पूज्य साध्वी श्री के प्रेरणादायी उद्बोधन के पश्चात श्री मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ,स्थानक श्रीसंघ,तेरापंथ संघ,अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक एवं महिला परिषद्, नवकार परिवार आदि कई संस्थाओ एवं परिवार की और से बहुमान किया गया। यात्रा संयोजक मनोज मेहता का विश्वशांति रथ यात्रा के कुशल संचालन के लिए मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ द्वारा बहुमान किया गया। आयोजन में सकल जैन श्रीसंघ के पदाधिकारी, श्रीसंघ के श्रावक-श्राविकाएं तथा बाहर के श्रीसंघ भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्वाध्यक्ष उमेशचन्द्र बाबूलाल पिचा ने एवं आभार संघ सचिव चंचल भंडारी ने माना। कार्यक्रम के पश्चात सकल श्रीसंघ एवं अतिथि महानुभावों का स्वामीवात्सल्य नई कृषि मंडी पर रखा गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम के लाभार्थी यतीश कुमार, कमलेश कुमार, झमकलाल दायजी परिवार एवं कांतिलाल, भूपेंद्र कुमार नाहटा परिवार रहे जिनका भी श्रीसंघ ने प्रसंशा करते हुए बहुमान किया।

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