राज्य पुरातत्व व्दारा संरक्षित भक्त मलूकदास की प्राचीन बावडी के जीर्णोद्धार हेतु 19 लाख की स्वीकृति

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थांदला। राज्य पुरातत्व धरोहर संरक्षण के अंतर्गत संरक्षित प्राचीन भक्त मलूकदास की बावडी (हनुमान अष्ट मन्दिर) के जीर्णोद्धार व संरक्षण हेतू राज्य शासन ने 19 लाख रूपये की स्वीकृति देते हूए कार्यादेश जारी किया गया है । बुधवार को पुरातत्व विभाग के इंजीनियर व जानकारों की टिम नें बावडी के सरंक्षण व जीर्णोद्धार के कार्य का प्रारम्भ किये जाने हेतू निरिक्षण किया । सम्पूर्ण कार्य तीन माह की अवधि में पूर्ण किया जावेंगा । प्रारम्भिक तौर पर जो वर्तमान में प्राचीन स्ट्रक्चर मौजूद है । उसका सरंक्षण करने हेतू दिवारों पर मसाला चढाना जीर्ण शीर्ण पत्थरों को बदलना तथा प्राचीन बावडी के मूल स्वरूप को संरक्षित करने का कार्य किया जावेंगा ।

न्यास के अध्यक्ष अशोक अरोरा ने जानकारी देते हूए बताया की पुरातत्व विभाग से किये गये सतत पत्र व्यवहार पर उक्त स्वीकृति प्रारम्भिक तौर दी गई है । गत दिनों पुरातत्व विभाग के तकनीकि इंजीनियर व वास्तु शिल्पी की टिम ने बावडी का पृथक-पृथक निरिक्षण किया था । जिनके व्दारा आगामी दिनों में बावडी के मूल स्वरूप को लौटानें के साथ-साथ आस पास रमणीय स्थल के रूप में उघान निर्माण प्राचीन मूर्तियों को सरंक्षण प्रदान करने पथ निर्माण सहीत विभिन्न कार्यो के प्राकल्लन बनाने की स्वीकृति दी है। प्रारम्भिक तौर पर बावडी को आंतरिक व बाहरी तौर पर क्षतिग्रस्त होने से रोकने तथा दिवारों को संरक्षित करने हेतू कार्य स्वीकृति हुई है। उक्त स्वीकृति पर संस्थापक न्यासी मंहत नारायणदास जी महाराज, विटठल शर्मा, विश्वास सोनी, तुलसीराम मेहते, दिलीप पंचाल, महेश नागर ने शासन का आभार ज्ञापित किया ।

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