यूक्रेन के हालातों से बमुश्किल लौटी रिचा का हुआ जबरदस्त स्वागत

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थांदला। नगर के तीन छात्र जो यूक्रेन में फंसे हुए थे उनमें से सबसे अधिक मुश्किल हालातों में रह चुकी रिचा धानक शनिवार देर शाम थांदला पहुंची। नगर में आगमन होते ही रिचा का स्थानीय इमली गणेश मंदिर पर जबरदस्त स्वागत हुआ,  जहां से जुलूस के रूप में रिचा को घर की ओर ले। वही बीच में नगर परिषद कार्यालय के बाहर उनका इंतजार कर रहे हैं नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर ने पूरे नगर की ओर से रिचा का स्वागत किया, यूक्रेन से ही लौटे छात्रों से मिलने पहुंचे क्षेत्रीय सांसद गुमान सिंह डामोर ने भी रिचा का स्वागत किया व उनसे यूक्रेन से लेकर भारत तक पहुंचने का पूरा हाल सुना। घर परिषद कार्यालय पर ही उपस्थित भाजपा जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक, वरिष्ठ भाजपा नेता विश्वास सोनी, दिलीप कटारा ,अनिल भंसाली,  नगरपूर्व मंडी अध्यक्ष मन्नू डामोर,  नगर मंडल अध्यक्ष समर्थ उपाध्याय, युवा नेता राजेश वसुनिया,   राजू धानक, पार्षद कादर खान  सहित नगर परिषद् कर्मचारी  शीतल जैन, यशदीप अरोरा  एवम उपस्थित नगर वासियों एवं जनप्रतिनिधियों ने रिचा का स्वागत किया एवं परिजनों को बधाई दी। नगर परिषद कार्यालय से निकलकर ढोल ताशा के साथ घर की ओर जाते समय रिचा के आने के खुशी में खुश भाइयों ने रिचा को घर तक कांधे पर बिठा कर ले गए। स्थानीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने उपस्थित बड़ी संख्या में रिचा के पिता अनिल धानक के सहकर्मी एवं शिक्षक गणों ने रिचा का स्वागत किया। तो वही रास्ते में कॉलोनी वासियों ने भी रिचा का जमकर स्वागत किया। रिचा के घर पर स्वागत की जबरदस्त तैयारी की गई । केक काटकर एवं उपस्थित जनों को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाई। रिचा के पिता अनिल धानक , माता रमा धनक सहित परिजनों ने कहा कि हमारी बेटी को दूसरा जीवन मिला है भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद ज्ञापित किया।  

चारों तरफ हो रही थी बमबारी सब कुछ हो रहा था तबाह : रिचा

चर्चा के दौरान रिचा ने बताया कि अपने देश में पहुंचकर अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस कर रही हूं । खारकिव मैं मैंने 5 दिन बंकर में बिताए , जिसके पश्चात एंबेसी  ने कह दिया था कि कैसे भी कर कर बॉर्डर तक पहुंचे , तब मैं और मेरे साथ 25 से अधिक भारतीय स्टेशन की ओर निकले, तो इस बीच जबर्दस्त बमबारी हो रही थी, कई मिसाइल हमारे सामने ही गिरे , स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी बहुत भीड़ और मशक्कत के बाद रेलवे से लिवीव  शहर पहुंची जहां से हंगरी की बॉर्डर तक पहुंच गई, जहां से इंडियन एंबेसी की मदद से सी-17 विमान से भारत पहुंची। भारत आते ही भारत सरकार के कई मंत्रियों व विधायकों ने हमारा स्वागत किया एवं थांदला पहुंचकर सांसद महोदय,  नगर परिषद अध्यक्ष , नगर वासियों एवं परिजनों ने जो स्वागत किया है उसने यूक्रेन में पैदा हुए पूरे भय को समाप्त कर दिया ।

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