झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
नगर में गर्मी का पारा 46 डिग्री था वही दूसरी और 21 मई को को पक्खी पर्व के प्रंसग पर पक्खी श्रावक मंडल के 46 श्रावकं ने सिर्फ जल के आधार पर उपवास व्रत करके पक्खी पर्व मनाया। आचार्य भगवन पूज्य गुरुदेव उमेश मुनिजी मसा की समृति में प्रत्येक पक्खी पर्व पर उपवास के साथ अन्य धार्मिक गतिविधियां चलती है। पौषध भवन पर व्याख्यान माला के अंतर्गत वरिष्ठ स्वाध्यायी भरत भंसाली ने दशवैकालिक सूत्र के तीसरे अध्यन में वर्णित अनाचारों की व्याख्या करते हुए आचार की दृढ़ता पर आगम अनुरूप अपने विचार रखे एवं साथ ही विदर्भ में विचरण कर रहे धर्मदास गण के वर्तमान पूज्य जिनेन्द्र मुनिजी मसा की क्रियानिष्ठता और उनके दृढ़ आचार की अनुमोदना की। स्वाध्यायी राजेन्द्र रुनवाल ने अशरीरी बनने के लिए शरीरी रूपी मकान का सदुपयोग करने व अपने साधनो का संयमी आत्माओं के साथ संविभाग करने की प्रेरणा दी। सांयकाल आयोजित सामूहिक प्रतिक्रमण में 100 से अधिक श्रावक श्राविकाओं ने भाग लिया। नवकार मंत्र जाप के पश्चात उपवास तप के सामूहिक पारणे का लाभ धर्मेन्द्र कांतिलाल छाजेड़ परिवार ने अपने निवास स्थान पर लिया।