भारतीय संस्कृति ही सनातन है ज्ञान विज्ञान की उज्ज्वल परंपरा विश्व को भारत की देन : डावर

0

आक्रमणकारियों ने अपनी संस्कृति एवं राज्य स्थापित करने के लिए सनातन संस्कृति को बहुत नुकसान पहुंचाया, कुरीतियों को जन्म दिया, हिंदू समाज को आपस में बांटकर सामाजिक द्वेष फैलाने का पाप भी उन्होंने किया। अब संघ अपने पुरातन मूल्यों को पुनस्थापित करने में लगा हुआ है। अज्ञानतावश हमारी संस्कृति शिथिल हो सकती है लेकिन समाप्त नहीं हो सकती है। भारतीय संस्कृति ही सनातन है ज्ञान विज्ञान की उज्ज्वल परंपरा विश्व को भारत की देन है। व्यक्ति स्वभाव विपत्ति में कूदने का है संघ उस व्यक्ति के निर्माण सार्थक दिशा में करता है ताकि वह राष्ट्र निर्माण के काम कर सके। राष्ट्र के प्रति गौरव का भाव होना ही हिंदुत्व के प्रति गौरव का भाव है। अधर्म की सत्ता में धर्म संस्कृति की स्थापन के लिए ही रामसेतु का निर्माण हुआ। संगठनकर्ता में अहंकार का भाव आ जाना किसी भी संगठन के विनाश का कारण बनता है। तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित का भाव मन मे लेकर कार्य करने से ही भारत महान बनेगा। सर्व स्पर्शी दृष्टि से कार्य करते हुए सब को जोडऩा आवश्यक है। कुरीतियों को समाप्त करना होगा। आज पुन: समाज अपनी मान्यताओं और संस्कृतियो को तेजी से अपना रहा है। हमारी विचारधारा राष्ट्रवादी है, विस्तारवादी-जेहादी और नक्सली विचारधारा देश को तोडऩा चाहती है। विचारधारा की लड़ाई में हमारी विजय सज्जन शक्ति के जागरण से होगी। सामाजिक समरसता आज की महती आवश्यकता है। नेतृत्व व्यक्ति का नही सामाजिक विचारधारा का होना चाहिए। उपरोक्त उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुड़ी पड़वा उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेवक को शुभकामनाएं का संदेश देते हुए झाबुवा जिला कार्यवाह राजेश डावर ने दिया तथा मंच पर थांदला खंड संघचालक द्वारका प्रसाद भार्गव उपस्थित थे। स्थानीय पुरानी शिशु मंदिर मैदान पर कार्यक्रम में भगवा ध्वज लगाने से पहले संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को स्वयंसेवकों द्वारा आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया गया। इस के पश्चात ध्वजारोहण, अमृत वचन, एकल गीत के साथ बौद्धिक कार्यकम हुए। कार्यक्रम समापन के पश्चयात स्वयंसेवको ने मीठा मुंह करवाया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.