भगवत कथा मन से मेल को निकालकर मन निर्मल कर देती है : श्री कन्हा कोशिक महाराज 

थांदला। थांदला के मेट्रो गार्डन में चल रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन भागवत कथा वाचक श्री कन्हा कौशिक जी महाराज ने कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि कथा श्रवण करने के बाद मन से क्रोध द्वेष ईर्ष्या के लिए कोई स्थान नही  रहना चाहिए यही कथा श्रवण का फल मिलता है। 

श्रीमद भागवत कथा रसपान से मन का सारा मेल निकल जाता है मन निर्मल हो जाता है।थांदला को संतो की नगरी छोटी काशी मानते हुए कथा के अंतिम दिन कोशिक जी ने कहा की थांदला मे कथा करना मेरा सौभाग्य है यहा बच्चे बच्चे मे भगवान के प्रति समर्पण भाव भरा हुआ है,कथा के अंतिम दिवस कोशिक जी ने  कहा की थांदला के भक्तो से मुझे जो प्रेम स्नेह मिला है उसे मे आजीवन भूल नही पाऊंगा साथ हि कथा हो चाहे ना हो मे वचन बद्ध हु की मे थांदला आता रहूंगा। कथा शुरु होने के पूर्व कन्हा जी कोशिक का शाल श्रिफल देकर नगर परिषद कर्मचारियों, नगर के गणमान्य नागरिकों  ने अभिनन्दन किया वही  सुभाषचंद्र नागर, कमलेश नागर, राजू नागर, मनोज नागर, निलेश नागर, पंकज नागर, आशीष नागर, उज्ज्वल नागर, कुणाल नागर, कविश नागर, कुंज नागर, कानू नागर ने गुरूजी एवं उनके साथ पधारे अतिथियों एवं कथा सुनने आये समस्त महानुभावो माताओ एवं बहनो का आभार व्यक्त किया।

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