बारह घंटे औऱ बारह साल की भक्ति का पुण्य पुरुषोत्तम मास के एक क्षण में भगवान के स्मरण से मिलता है : रघुवीर महाराज

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रितेश गुप्ता, थांदला

 बारह घंटे औऱ बारह साल की भक्ति का पूण्य पुरषोत्तम मास के एक क्षण में भगवान के स्मरण से मिलता है। क्योंकि इस मास में भगवान खुद आते है। चारोधाम की यात्रा का पुण्य पोथी यात्रा में एक एक कदम चलने से मिलता है। आप कथा में आए इसका लाभ और पुण्य आप के पूर्वजो को मिलेगा । पुरषोत्तम मास में कथा श्रवण से पूर्वजो को वैकुंठ में स्थान मिलता है।  उक्त विचार  हनुमान अष्ट मंदिर प्रांगण में गौभक्त सन्त रघुवीरदास महाराज ने श्रीमद भागवत कथा प्रारंभ के प्रथम दिवस के अवसर पर कहे ।इस अवसर पर पोथी यात्रा तेजाजी मंदिर से निकली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन सम्मिलित हुए । शोभायात्रा में सुसज्जित वाहन पर संत रघुवीरदास, महंत मदनमोहनदास विराजमान थे । श्रीमद भागवतजी की पोथी मुख्य यजमान मिक्कू भाभर ने सपत्नीक उठाए चल रहे थे । सबसे आगे धर्म ध्वजा लिए अश्व पर महंत सुखरामदास  व समर्थ प्रजापत विराजमान थे। शारदा बैंड द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी जा रही थी । शोभायात्रा महात्मा गांधी मार्ग, दीपमालिका, पिपली चौराहा, आज़ाद चौक ,मठ वाला कुआ चौराहा, रामेश्वरम मंदिर होते हुए कथा स्थल पहुची । शोभायात्रा में महंत गोपालदास महाराज,स्वामी हरिहरानंद जी, चिंतामणि जी महाराज, जमनालाल राठौड़, अशोक अरोड़ा, बाबूलाल धमनिया,जगमोहनसिंह राठौड़,मुकेश प्रजापत,दीलिप कटारा, राजेश वसुनिया, पंडित कैलाश आचार्य, रामचंद्र राठौड़,डी. के उपाध्याय,दिनेश नागर पिटोलवाले,श्रीमंत अरोड़ा,कमलेश नागर, दिलीप पांचाल,मुकेश पांचाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

 

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