बामनिया (झाबुआ)। हमारी जिदंगी बहुत छोटी है,क्यो न हम उसे शाँति से जिये,प्रसन्नता, समाधि से क्यो न जिये,इसके बिना जिदंगी ही नही है ! हमारे पास कसाय है,क्योकि हमारे पास समय नही है, हम क्यो मगजमारी करे दुनिया को समझाने की,अपने दिल को समझाओ,क्योकि जो दुनिया को समझाता है वह दुःख ओर दुर्गति ही पायेगा।
