प्रतिभावान बच्चों को भगवत गीता और पौधे देकर दिया पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति से जुड़ने का संदेश

May

थांदला। श्री विश्वकर्मा पंचाल विकास समिति ने सोमवार को थांदला में प्रतिभावान बच्चों और वरिष्ठ जनों का सम्मान किया। इस दौरान 8वीं से 12वीं तक के 35 प्रतिभावान बच्चों को शील्ड के साथ ही श्रीमद् भगवत गीता और पौधा देकर सम्मानित किया गया। जिसका उद्देश्य युवाओं को संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना था। जिनमें 12वीं के 7 विद्यार्थी, 10 वीं के 11छात्र-छात्राएं, 8वीं के 16 बच्चों और उनके परिजनों को प्रशस्ति पत्र दिए गए। साथ ही एक युवा को एमबीए में सर्वोच्च अंक लाने पर सम्मानित किया गया।

समग्र दृष्टिकोण से समाज विकास के साथ ही सशक्त राष्ट्र का होगा निर्माण: पंचाल

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दाहोद जिले में धर्मजागरण का कार्य कर रहे समाजसेवी धर्मेंद्र पंचाल ने बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया। पंचाल ने कहा कि समग्र दृष्टिकोण से काम करने से समाज के साथ ही व्यक्ति जुड़ेंगे और सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। उन्होंने लोगों से आव्हान किया कि लोग समाजसेवा के लिए आगे आएं। वरिष्ठ भी अपने अनुभव और चिंतन से समाज का उत्थान करें। कार्यक्रम में मां त्रिपुरा सुंदरी ट्रस्ट के अध्यक्ष कांतिलाल पंचाल, दाहोद पंचाल समाज के अध्यक्ष राजेश पंचाल, देवीलाल पंचाल, पूर्व अध्यक्ष मदनलाल पंचाल, पूनमचंद पंचाल, हिरालाल पंचाल और कालूराम पंचाल मंचासीन थे। विशेष अतिथि के रूप में झाबुआ एसडीएम हरिशकंर विश्वकर्मा भी उपस्थित हुए। सभी अतिथियों का स्वागत समिति के सदस्यों ने माला और गमछा डालकर किया।

प्रयासों के परिणाम से मिलती है सफलता: एसडीएम विश्वकर्मा

झाबुआ एसडीएम हरिशंकर विश्वकर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि प्रयासों के परिणाम से ही सफलता मिलती है। समाज के सभी बच्चे आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य तय करें। साथ ही उन्होंने समाज के लोगों से आर्थिक रूप से संपन्न होने के लिए मेहनत करने की बात कही। कार्यक्रम में राजेश पंचाल ने कहा कि शिक्षा समाज की नींव है। तकनीकि युग में बिना शिक्षा के कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए माता-पिता की मेहनत और उनकी जागृति से बच्चों का भविष्य संवरेगा। उन्होंने भगवत गीता और पौधे सम्मान स्वरूप देने पर कहा कि यह हमारे विकसित होते समाज के दृष्टिकोण को दर्शाता है। हम सब इन पौधों के विकास और देखरेख के लिए संकल्प ले। गायत्री परिवार के अंतरसिंह रावत ने व्यसन से समाज को हो रही हानियों और युवा पीढ़ी के भटकाव को लेकर अपनी बात रखी। समिति ने गायत्री परिवार के सदस्यों का भी सम्मान किया। त्रिपुरा सुंदरी ट्रस्ट के अध्यक्ष ने समाज की कुरीतियों को दूर करने और पदाधिकारियों के निर्वाचन को लेकर समिति गठन का सुझाव दिया। मदनलाल पंचाल ने इस तरह के आयोजन की सराहना की।

17 पेंशनर्स और 11 नारी शक्तियों का भी सम्मान

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजजन जो शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए है, उनको भी सम्मानित किया गया। ऐसे 17 पेंशनर्स सम्मानित होकर भाव विभोर हुए। उन्होंने अपने समाज द्वारा किए गए सम्मान के लिए आभार प्रकट किया। साथ ही शासयकीय सेवा और समाजसेवा करने वाली 11 महिलाओं को नारी शक्ति सम्मान से नवाजा गया। इस दौरान वहां मौजूद सभी महिलाओं ने खड़े होकर करतल ध्वनि से तालियां बजाकर समाज को धन्यवाद दिया।

समाज सेवा करने वाले 8 लोग हुए सम्मानित

पंचाल समाज को अपनी मेहनत से आगे ले जाने वाले समाज सेवियों का भी सम्मान किया गया। जिसमें 4 लोगों को मरणोपरांत और 4 लोगों को मंच पर सम्मानित किया गया। पंचाल समाज के भीष्म पितामह रहे स्व. वरदीचंद पंचाल मेघनगर को मरणोपरांत पंचाल रत्न उपाधि से सम्मानित किया। तो वही स्व. रणछोड़ लाल पंचाल रंभापुर को पंचाल श्री, स्व. रतिलाल पंचाल थांदला और स्व. रामलाल पंचाल खरडू को मरणोपरांत समाज श्री की उपाधि से नवाजा गया। इस दौरान इनके परिजनों को स्मृति चिह्न और उपाधि पत्र सौंपे गए। समाजसेवा करने वाले कन्हैयालाल पंचाल कल्याणपुरा, कन्हैयालाल पंचाल राणापुर, कालुराम पंचाल थांदला, पूनमचंद पंचाल मेघनगर के समाजसेवा में अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को मंचासीन अतिथियों के साथ ही पत्रकार धर्मेंद्र पंचाल, शिक्षिका वीणा पंचाल, शिक्षक हेमंत पंचाल, ऋषभ पंचाल, संजय पंचाल ने संबोधित कर अपने सुझाव रखें। पंचाल विकास मंच के अध्यक्ष जगदीश पंचाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सफल कार्यक्रम के लिए समिति ने जगदीश पंचाल और परिवार का भी सम्मान किया। संचालन शिक्षक प्रकाश पंचाल और राजेश पंचाल ने किया। आभार थांदला पंचाल समाज के अध्यक्ष मुकेश पंचाल ने माना। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समिति के सक्रिय सदस्यों के अतिरिक्त थांदला पंचाल समाज के युवाओं का सहयोग सराहनीय रहा।