पत्रकारिता में आ रही बुराई को रोकने के लिए जनता आगे आए – शर्मा

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थांदला। प्रखर पत्रकार, पूर्व सांसद स्वाधीनता सेनानी स्व.कन्हैयालाल वैद्य की स्मृति में जन्म स्थली थांदला में व्याख्यानमाला का आयोजन हूआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में गणमान्यों एवं बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा ने हिन्दी पत्रकारिता का पतन और भाषा की भूमिका विषय पर व्याख्यान दिया। वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह चौहान भोपाल ने स्वाधीनता आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता अमृत महोत्सव तक मीडिया की भूमिका विषय पर विचार रखें। अध्यक्षता नगर परिषद थांदला के अध्यक्ष बंटी डामोर ने की। विशेष अतिथि बाल कल्याण समिति झाबुआ के अध्यक्ष अशोक अरोरा एवं स्वाधीनता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रकाश घोडावत थे। व्याख्यानमाला को सम्बोधित करते हूए हेमंत शर्मा ने कहा आज के युग की कथित एवं पतीत पत्रकारिता नें इस मिशन को खत्म कर दिया है। विशेषकर पत्रकारिता के नाम पर चैनलों में फुहड़पन एवं नाटक चल रहा है । पत्रकारिता में आ रही इस प्रकार की गिरावट पर दुःख प्रकट करते हूए उन्होंने कहाॅं, इन बातों के लिये जनता स्वयं जिम्मेदार है । इन तथा कथित चैनलों ने जनता को एक सिस्टम में खड़ा कर दिया है। किसी समय पत्रकारिता जनता के हिसाब से हुआ करती थी। अतीत की पत्रकारिता में स्व. वैद्य जैसे लोगो को याद करते हूए वे बोले आज की पत्रकारिता एक सोची समझी रणनीति के तहत मात्र अपनी टी.आर.पी बनाने के लिये की जा रही है। उन्होंने पीड़ा जताई की वर्तमान पत्रकारिता में खबरों को खत्म कर दिया गया है। पत्रकारिता में आ रही नैतिक गिरावट पर दुःख प्रकट करते हूए इस बुराई पर लगाम कसने के लिये उन्होने जनता से आव्हान किया की फुहड़पन की पत्रकारिता का बहिष्कार करें। पत्रकारिता में तभी बदलाव आएगा जब जनता स्वयं खबरों के स्वभाव को बदलेंगें। इस मौके पर उन्होंने मीडीया में भाषा के पतन पर गम्भीर चिंता जताई वे बोले इन दिनों समाचार पत्रों में सम्पादकीय ठेके पर लिखी जा रही है। सम्पादक के अपने कोई विचार नहीं होते है। आंचलिक पत्रकारों से उन्होने आव्हान किया की प्रशासनिक भाषा को दरकिनार कर वे अपनी स्थानीय हिन्दी भाषा में समाचारों को अभिव्यक्ति दे। तभी सम्पादकीय में आ रही दरिद्रता दूर होगी। वरिष्ठ पत्रकार चौहान ने दो टूक शब्दों में कहाॅ पत्रकारिता इन दिनों चाटूकारिता में तब्दील हो गई है। पीत पत्रकारिता ने पांव पसार लिए है। इन बातों के लिये जनता स्वयं जिम्मेदार है। उन्होने विश्वास जताया की एक अभियान के तहत पत्रकार आगे आये तो इस बुराई में सुधार की गुंजाइश है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अरोरा ने स्व. वैद्य के साथ बिताए गए पलों के संस्मरणों का साझा करते हूए वैद्य की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिये शासकीय महाविघालय थांदला का नाम वैद्य की स्मृति में करने की पूर जोर माॅंग उठाई । इस कार्य में आ रही बाधा एवं अड़चनों को दूर करने के लिये उन्होंने  बुद्धिजीवियों से आव्हान किया। समारोंह में प्रकाशचन्द्र घोड़ावत सेनानी उत्तराधिकारी ने स्व. वैद्य  की स्मृति को साझा करते हूए अपने विचार रखें। नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर ने स्व. वैद्य  के स्मृति में रचनात्मक कार्य करने का भरोसा दिलाया।

प्रारम्भ में पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य ने अतिथियों का स्वागत सूत की माला से किया। अतिथियों ने स्व. वैद्य एवं मामा बालेश्वर दयाल की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर माल्यार्पण किया। समारोह में उज्जैन के पत्रकार कपूरचंद यादव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर नगीन शाह, भूपेन्द्र पावेचा, ओमप्रकाश भटट, डा उमेश शर्मा, एडवोकेट व्ही आर अरोरा, कनकमल छाजेड, श्रीमंत अरोरा, पार्षद लक्ष्मण राठोड़, रोहित बैरागी, गजेन्द्र चौहान पत्रकारगण हरीश यादव, मनीष गिरधानी, सलीम शैरानी, सत्यनारायण शर्मा, कमलेश तलेरा, अक्षय भटट, मनोज चतुर्वेदी, मनोज उपाध्याय,  धर्मेन्द्र पांचाल,आत्माराम शर्मा, कादर शेख, सुधीर शर्मा, मुकेश अहिरवाल, गौरव अरोरा, मनीष अहिरवार, शाहिद खान, समकित तलेरा, राजेश डामोर, नीलिमा डाबी, धवल अरोरा सहित बडी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार कैलाश सनोलिया ने एवं आभार क्रांतिकुमारी वैद्य ने माना।

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