थांदला। रितेश गुप्ता अखिल विश्व के रचियता, निर्माण और सृजन के देवता भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती थांदला में पंचाल समाज ने धूमधाम से मनाई। सोमवार सुबह से समाजजन बावड़ी मंदिर स्थित भगवान विश्वकर्मा के पूजन हेतु एकत्रित हुए। पूजन का लाभ सौरभ संतोष पंचाल परिवार ने लिया। विशेष साज-सज्जा कर मंदिर परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया।

पूजन के बाद रथ में सवार होकर भगवान विश्वकर्मा नगर भ्रमण पर निकले। शोभायात्रा की शुरूआत बावड़ी मंदिर से हुई। शोभायात्रा में भगवान के रथ में बैठने व चंवर ढुलाने का लाभ जयंतीलाल पंचाल ने सपत्नीक लिया। शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग से होती हई पुन: बावड़ी मंदिर पर समाप्त हुई। जिसका विभिन्न चौराहे पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में सभी समाजजन एक जैसी वेशभूषा में शामिल हुए। महिलाएं लाल रंग के परिधान और पुरूषों ने सफेद वस्त्र के साथ ही पगड़ी धारण की थी। मंदिर में दोपहर 3 बजे से विश्वकर्मा जी की कथा के बाद महाआरती का आयोजन हुआ। आरती का लाभ मोनू जयशंकर पंचाल ने सपत्निक लिया। जिसके बाद समस्त समाजजनों का सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। साथ महिला-पुरूष वर्ग में कई तरह के विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया। जिसमें समाजजनों बढ़-चढ़कर भाग लिया।
