रितेश गुप्ता, थांदला
सन्त नगरी तपोभूमि थांदला से एक ओर मुमुक्षु आत्मा धर्मेन्द्र भाई मिण्डा 22 फरवरी शनिवार को गुजरात के तरंगा में 108 आचार्य श्री अमितसागरजी महाराज के पावन सानिध्य में दिगम्बरी जैन भगवती दीक्षा लेने जा रहे है। उनके अचानक साहसी संकल्प से आश्चर्यचकित जैन जैनेत्तर समाज हर्षित होकर उनके जय जयकारें कर उनके तारंगा से आगमन की प्रतीक्षा करने लगा। रात करीब 9 बजे थांदला में प्रवेश करते ही पूरा नगर जय जयकार -दीक्षार्थी की जयजयकार के व जय घोष से गूंजायमान हो गया। उनके निवास स्थान से विशाल वरघोड़ा निकाला गया। रथ पर पुत्र भावीन, राहु, पुत्री प्रीति, पुत्र वधु चेलना एवं परिवार जनों के साथ मुमुक्षु धर्मेन्द्र मिंडा ने नगरवासियों द्वारा किये गये बहुमान को अंगीकार किया। वरघोड़े की खबर फैलेते ही नगर व नगर के समस्त समाजजन शामिल हुए। जो जयघोष उत्साह उमंग के साथ नगर के मुख्य मार्ग से होता हुआ स्थानीय त्यागी भवन में उनकी गुणानुवाद सभा के रूप में परिवर्तित हो गया।
सभा मे धर्मेंद्र भाई ने खोला अचानक दीक्षा का रहस्य
संयम आराधना के लिए आतुर धर्मेंद्रभाई मिण्डा के गुणानुवाद सभा का प्रारंभ कु रक्षिता मेहता के मंगलाचरण से हुआ। इसके बाद 108 आचार्य श्रीविद्यासागरजी महाराज की तस्वीर का अनावरण किया गया। सभा में धर्मेन्द्रभाई ने बताया कि उनके संयम की प्रबल भावना तो कई वर्षों की थी परंतु पारिवारिक व अन्य जिम्मेदारी का निर्वहन भी आवश्यक था। आचार्य अमितसागरजी महाराज का 2004 में थांदला पदार्पण के साथ ही उनके भाव प्रबल हो गए थे। होटल आदि बाहरी खाद्य वस्तु का त्याग कर बियासना तप करते हुए दिगम्बर सन्त समाचारी, नित्य स्वाध्याय, सन्त सेवा व उनके साथ विहारचर्या, पहनने में केवल श्वेत वस्त्र व अनेक नियम से आत्मबल को कसौटी पर परखते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने अपने संकल्प दृढ़ता का परिचय देते हुए कहा कि संसार की असारता व निगोद से निकले इस जीव की भव भवान्तर यात्रा को मोक्ष ले जाने के लिये संयम ही प्रशस्त मार्ग है। थांदला से अपने आपको 29वां जैन सन्त बनने के गौरव से अभिभूत धर्मेन्द्रभाई ने कहा कि वे संयम के हर परिषह को आनन्द के साथ सहन करते हुए अपने प्राणान्त तक इसे निर्मलता से निभाएंगे। गुणानुवाद सभा में दिगम्बर समाज के वरिष्ठ सलाहकार बाबूलाल भिमावत ने संयम की कठिन राह व परिषह को बताते हुए उन्हें संघ समाज कि ओर से मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इसके बाद सभा में दिगम्बर समाज के अध्यक्ष अरुण (बाला कोठारी) स्थानकवासी जैन श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, संघ सचिव प्रदीप गादिया, बाल ब्रम्हचारी विकास भैयाज, धर्मेंद्र भाई के दोनों पुत्र भाविन व राहुल मिण्डा, आईजा प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर आदि ने भी उनके वैराग्य की दृढ़ता के गुणगान करते हुए उनकी संयम यात्रा के लिये मंगल कामना व्यक्त की गई। गुणानुवाद सभा का संचालन संघ के संजय कोठारी ने व शशिकांत पंचोली ने आभार माना।
इन संस्थाओं ने धर्मेन्द्रभाई का अभिनन्दन व बहुमान किया
दिगम्बर समाज द्वारा जिन शासन की प्रभावना के लिये संयम यात्रा पर नगर में उनका जगह जगह स्वागत सम्मान किया गया। वही दिगम्बर जैन बीसपंथी समाज, स्थानकवासी जैन समाज, तेरापन्थ महासभा, मंदिरमार्गी जैन समाज, कपड़ा व्यापारी संघ, चमन चौराहा परिवार, जैन सोश्यल गु्रप, इम्पीरियल ग्रुप, अणु पारमार्थिक ट्रस्ट सहित अनेक समाजिक संगठन व समाज ने धर्मेन्द्रभाई के संयमी यात्रा के साहसी निर्णय के लिये उनका शॉल-श्रीफल, माला व प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया।
वरघोड़े एवं सभा में ये रहे उपस्थीत
दिगम्बर समाज द्वारा स्थानीय त्यागी भवन में आयोजित गुणानुवाद सभा में समाज के अध्यक्ष अरुण कोठारी, उपाध्यक्ष पारस मेहता, शशिखांत जैन, कोषाध्यक्ष इन्द्रवर्धन मेहता,भाजपा जिला उपाध्यक्ष विश्वास सोनी, वरिष्ठ पदाधिकारी बाबूलाल मिण्डा, व्यापारी संघ अध्यक्ष अनिल भंसाली, शैलेष मेहता, रतनलाल मेहता, ललित कांकरिया, पारस तलेरा, रमेश श्रीश्रीमाल, कपड़ा व्यापारी संघ अध्यक्ष नितिन नागर, राजू धानक, रितेश गुप्ता, जितेंद्र राठौड़, शीतल बोबड़ाए कांतिलाल मेहता, अभय मेहता, शशिकांत बोबड़ा, विजय भिमावत, अनूप मिण्डा, महावीर मेहता, प्रियंक मेहता, उमेश पीचा, चंचल भंडारी, आत्माराम शर्मा, पवन नाहर, आशीष कांकरिया, मयुर तलेरा, अभय रुनवाल, सन्तोष श्रीमाल, सन्दीप शाहजी समेत नगर के समस्त समाज के प्रमुख जन, नगरवासी व सकल जैन समाजजन मौजूद थे।
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