रितेश गुप्ता, थांदला
शासन द्वारा स्वीकृत दिल्ली मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर राजस्व विभाग द्वारा अधिग्रहण की भूमि के मुआवजे को लेकर भामल के करीब 70 किसान परिवारों ने तहसील कार्यालय पहुँच कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नाम नवागत तहसीलदार मधु नायक को ज्ञापन सौपा। भामल के किसान राजस्व विभाव हाय हाय की नारेबाजी करते हुए तहसील कार्यालय पहुँचे व यहाँ आकर उन्होंने सांकेतिक धरना प्रदर्शन करते हुए शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ज्ञापन के माध्यम से भामल के किसानों ने बताया कि राजस्व विभाग ने बिना जाँच किये सिंचित भूमि को असिंचित बताकर रिकॉर्ड व मुआवजे में भारी गड़बड़ की है। उन्होंने बताया भामल में तालाब व उसकी नहरों से किसान खेती करते आ रहे है। अनेक किसान की स्वयं की भूमि है तो कई किसानों का सौं से ड़ेढ सौ वर्षों से उनके बाप दादाओं के समय से कब्जा चला आकर वे खेती करते आ रहे है। यदि प्रशासन उनसे आजीविका छीन लेता है तो वे व उन पर आश्रित पूरा परिवार भूखे मरने को मजबूर हो जाएगा। उन्होंने प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया को राष्ट्रीय राजमार्ग के लिये प्रशासन ने एक दिन का शिविर लगाकर महज औपचारिकता पूर्ण की है। उनको कोई भी कार्यवाही से अवगत नही करवाया गया है जबकि जैसे ही उन्हें पता चला कि कुछ अधिकारी कर्मचारियों ने बिना जाँच किये सिंचित भूमि को असिंचित बताकर झूठी रिपोर्ट तैयार की है तब उन्होंने प्रशासन से जाँच की भी मांग की थी लेकिन आज तक उन्होंने कोई जाँच नही की है। ज्ञापन के द्वारा उन्होंने सिंचित भूमि को अधिग्रहण से मुक्त करने अथवा भूमि के बदले भूमि देने कि व मुआवजे के रूप में चारगुना राशि देने की शासन से मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि शासन प्रशासन उनकी यह मांग नही मानेगा तो वे आगामी दिनों में चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन करते हुए धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल करेंगे।
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