थांदला में साध्वी रिद्धि श्रीजी के सान्निध्य में नवपद ओलीजी की नौ दिवसीय आराधना का भव्य आयोजन

0

थांदला। थांदला नगर में मूर्तिपूजक श्री संघ द्वारा आयोजित नवपद ओलीजी की आराधना भक्ति, तप और संयम के भावों से परिपूर्ण वातावरण में संपन्न हो रही है। यह नौ दिवसीय तप आराधना गच्छाधिपति पूज्य श्री जयानंद सुरिश्वरजी  महाराज साहेब की पावन आज्ञानुवर्ती साध्वी श्री रिद्धि श्रीजी म.सा. आदि ठाणा-3 के सान्निध्य में संचालित हो रही है।

थांदला मूर्तिपूजक श्री संघ की विशेष विनती पर साध्वीश्री का आगमन हुआ, जो समस्त नगरवासियों के लिए अत्यंत सौभाग्य का विषय है। साध्वीश्री की दिव्य उपस्थिति ने आराधकों के आत्मबल को जाग्रत किया है तथा आराधना को एक आध्यात्मिक पर्व का स्वरूप दे दिया है।

नवपद ओलीजी में 48 आराधकों का संयमतप

नवपद ओलीजी की इस आराधना में कुल 48 आराधकों ने भाग लिया है, जो प्रतिदिन पूजा, जाप, स्वाध्याय एवं संयमित आहार-विहार के साथ तप में लीन हैं। सभी आराधक नवपद के नौ दिव्य गुणों—आचार्य, उपाध्याय, साधु, ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप, मोक्ष और सिद्ध—की उपासना करते हुए आत्मशुद्धि  की ओर अग्रसर हैं।

साध्वी श्री रिद्धि श्रीजी का मार्गदर्शन

साध्वी श्री रिद्धि श्रीजी म.सा. आदि ठाणा-3 का सानिध्य प्रवचन प्रतिदिन आराधकों और श्रद्धालुओं को जैन धर्म के गूढ़ सिद्धांतों से अवगत करा रहे हैं। साध्वीश्री द्वारा नवपदों के आध्यात्मिक अर्थों और उनके व्यवहारिक जीवन में महत्व को सहज, सरल एवं प्रभावशाली शैली में समझाया जा रहा है।

सेवा में समर्पित लता प्रकाश सोनी एवं संघ के सदस्य

इस समग्र आराधना की व्यवस्था में श्रीमती लता प्रकाश  सोनी का विशेष सराहनीय और प्रेरणादायक योगदान रहा है। वे इस आयोजन की प्रमुख संयोजिका एवं सूत्रधार हैं। प्रतिदिन की आराधना व्यवस्था, साध्वीश्री के आगमन की तैयारी, आराधकों की आवश्यकताओं की पूर्ति, आयोजन की मर्यादा एवं अनुशासन को बनाए रखना हर पहलू में लता जी की सक्रिय भागीदारी रही है, उनके साथ संघ के अनेक सेवाभावी श्रावक एवं श्राविकाएं भी तन-मन-धन से योगदान दे रहे हैं। आयोजन में सभी कार्य मिल-जुल कर, सामूहिक भावना से संपन्न हो रहे हैं, जिससे यह आराधना और भी प्रभावशाली बन रही है।

इस आयोजन में श्री संघ के विभिन्न पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी विशेष रूप से योगदान दिया है। आराधकों की भोजनशाला, प्रवचन व्यवस्था, ध्यान-आराधना स्थल की सफाई और सजावट, सभी व्यवस्थाएं संघ के सहयोग से अनुशासनबद्ध रूप से संचालित हो रही हैं। महिला मंडल की सक्रियता भी विशेष उल्लेखनीय रही है, जिन्होंने लता जी के मार्गदर्शन में भोजन, भक्ति और सज्जा कार्यों में उत्साहपूर्वक सेवा दी।

नवपद ओली आराधना न केवल धार्मिक तपस्या का आयोजन है, बल्कि यह समाज में अध्यात्म, संयम और सहयोग की एक सुंदर मिसाल बन गया है। साध्वीश्री का पावन सान्निध्य, 48 आराधकों की तपशक्ति और संघ के समर्पित सदस्यों का सेवा भाव इस आयोजन को ऐतिहासिक बना रहा है। विशेष रूप से श्रीमती लता प्रकाश सोनी का योगदान आने वाले समय में भी प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.