थांदला की युवा मुमुक्षु नव्या शाहजी करेंगी जैन भगवती दीक्षा अंगीकार, इस दिन होगी भगवती दी

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थांदला। जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करना कोई सरल या साधारण कार्य नहीं है। किंतु जिसे संसार असार लगता है और जो वीर होता है वास्तव में वही संयम पथ पर जाने के लिए अग्रसर होता है। धर्म नगरी पावन भूमि थांदला से पूर्व में भी कई आत्माओं ने संयम की ओर प्रस्थान किया है। जैन धर्म में यहां से आचार्य प्रवर श्री जवाहरलालजी एवं जिनशासन गौरव आचार्य प्रवर श्री उमेशमुनिजी म. सा. सहित अब तक कई आत्माओं ने दीक्षा लेकर जिनशासन को दिपाया है। इसी कड़ी में थांदला से एक और 17 वर्षीय युवा मुमुक्षु नव्या शाहजी के रूप में जुड़ जाएगा।

मुमुक्षु की दीक्षा का आज्ञा पत्र सौंपा

नगर के धर्मनिष्ठ सुश्रावक मुमुक्षु के दादा-दादी सुजानमल-चंद्रकांता शाहजी, माता-पिता रीना-मनीष शाहजी, भुवा-फूफाजी- राजीव-गरिमा बाफना धार, काका- काकी गौरव-दीपा शाहजी सहित अन्य परिजन और थांदला श्रीसंघ के अध्यक्ष व श्री धर्मदास गण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली एवं जैनेत्तर बंधु सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं मुमुक्षु नव्या शाहजी की दीक्षा का आज्ञा पत्र सौंपने के लिए 6 अप्रैल को रावटी पहुंचे। वहां विराजित आचार्य प्रवर पूज्य गुरुदेव श्री उमेशमुनिजी म. सा. के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी म. सा. आदि ठाणा 4 व साध्वी श्री धैर्यप्रभाजी, पुण्यशीलाजी, अनुपमशीलाजी म. सा. आदि ठाणा 11 सहित कुल 15 चारित्र आत्माओं के दर्शन, वंदन, मांगलिक, व्याख्यान आदि का लाभ लिया। रावटी में आयोजित धर्मसभा में प्रवर्तक श्रीजी ने शाहजी परिवार को खूब-खूब धन्यवाद दिया, जिन्होंने बिना अंतराय दिए दीक्षा की आज्ञा प्रदान की। इस मौके पर प्रवर्तकश्री के चरणों में मुमुक्षु के दादा-दादी, माता-पिता, काका- काकी आदि स्वजनों ने मुमुक्षु की दीक्षा का आज्ञा पत्र सौपकर दीक्षा प्रदान की सहर्ष अनुमति दी। दीक्षा आज्ञा पत्र का वाचन मुमुक्षु के भाई अक्षत शाहजी ने किया। इस दौरान धर्मसभा जयकारों से गूंज उठी। दीक्षा का आज्ञा पत्र होने से थांदला श्रीसंघ ही नहीं अपितु धर्मदास गण एवं समूचे जैन समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। 

मुमुक्षुओं के साथ परिजन जयकार लगाते प्रवर्तकश्री के पास पहुंचे

थांदला नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया कि दीक्षा का आज्ञा पत्र सौंपने के पूर्व रावटी की मुमुक्षु मुक्ति कटारिया के आवास से दोनों मुमुक्षु नव्या शाहजी व मुक्ति कटारिया प्रवर्तकश्री के श्रीचरणों में पहुंचे। इस समय समूचा वातावरण भगवान महावीर स्वामी, आचार्यश्रीजी, प्रवर्तकश्रीजी और मुमुक्षु के जयकारों से गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर मुमुक्षु नव्या बहन ने विचार व्यक्त कर अपने स्वजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। अ.भा. श्री धर्मदास गण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत भंसाली व मोहनलाल मेहता रावटी ने विचार रखे। थांदला श्रीसंघ के सचिव प्रदीप गादिया ने मुमुक्षु एवं परिवार का जीवन परिचय दिया। मुमुक्षु नव्या शाहजी पिछले 2 वर्ष से वैराग्य जीवन व्यतीत कर रही है। वे साध्वी श्री संयमप्रभाजी म. सा. की शिष्या बनेंगी। रावटी श्रीसंघ की ओर से मुमुक्षु एवं इनके दादा-दादी, माता-पिता आदि परिजनों का शाब्दिक बहुमान किया गया।

30 अप्रैल को थांदला में होगी दीक्षा

मुमुक्षु का आज्ञा पत्र प्राप्त होने के बाद प्रवर्तकश्रीजी ने मुमुक्षु नव्या शाहजी की दीक्षा अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को थांदला में करने की घोषणा की। गौरतलब है कि 18 मार्च को बदनावर में थांदला के ललित भाई भंसाली की दीक्षा का आज्ञा पत्र परिवारजन द्वारा सौंपने पर प्रवर्तकश्री ने मुमुक्षु भंसाली की अक्षय तृतीया के दिन ही दीक्षा प्रदान करने की घोषणा कर दी थी। इस तरह थांदला में अक्षय तृतीया के दिन अब दो मुमुक्षु आत्माओं की दीक्षा होगी।

उक्त प्रसंग पर ये उपस्थित थे 

इस अवसर धर्मदास गण परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री शैलेष पीपाड़ा, धर्मदास जैन श्रीसंघ रतलाम के अध्यक्ष रजनीकांत झामर, थांदला श्री संघ के सहसचिव व पूर्व नवयुवक मंडल अध्यक्ष हितेश शाहजी, मंडल के सचिव संदीप शाहजी सहित थांदला, इंदौर, बांसवाड़ा, लिमड़ी, दाहोद, धार, रतलाम आदि श्रीसंघ के श्रावक-श्राविकाएं व परिजन उपस्थित थे। संचालन युवा स्वाध्यायी अंश कटारिया ने किया। आतिथ्य सत्कार का लाभ श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ रावटी ने लिया।

पेटलावद में भी संत-सति मंडल के दर्शन किए

मुमुक्षु नव्या शाहजी व उनके स्वजनों आदि ने पेटलावद में विराजित तत्वज्ञ श्री धर्मेंद्रमुनिजी म. सा. व मुनि मंडल तथा साध्वी मधुबालाजी,  प्रेमलताजी, संयमप्रभाजी आदि साध्वी मंडल के दर्शन-वंदन, मांगलिक आदि का लाभ भी लिया।

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