जनजाति विकास मंच राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन : गणेश प्रतिमा तालाब में फेंकने पर जताया आक्रोश

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रितेश गुप्ता, थांदला
गत दिनों अनंत चतुर्दशी के दिन तथाकथित 10-15 नास्तिक लोगों के द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमा को अभद्रता पूर्वक उठाते हुए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए दुर्भावना पूर्वक किसी नदी एवं तालाब में फेंकने का वीडियो सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर तेजी से वायरल हुआ। जिसको लेकर अंचल के समस्त सनातन धर्मावलंबियों में कड़ा आक्रोश देखा जा रहा है। उक्त वीडियो अंचल में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ जिसको लेकर जनजाति विकास मंच भी कड़ी निंदा एवं दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग करने की मांग को लेकर स्थानीय तहसील कार्यालय पर राज्यपाल के नाम अनुविभागीय अधिकारी को जनजाति विकास मंच द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। जनजाति विकास मंच द्वारा अपने ज्ञापन में घटना की कड़ी निंदा करते हुए आक्रोश प्रकट किया तथा इसे जनजाति समाज के खिलाफ करार दिया। क्योंकि उक्त घटना को लेकर वीडियो में अंत में कहा जा रहा है कि आदिवासी किसी भी देवी देवता को नहीं पूजता है। यह घृणित एवं दूषित मानसिकता को प्रकट करता है। तथाकथित नास्तिक लोग अपने आप को आदिवासी बता कर संपूर्ण जनजाति आदिवासी समाज को कलंकित कर रहे हैं तथा सनातन हिंदू संस्कृति से जनजाति आदिवासी संस्कृति को अलग बताने का प्रयास कर रहे हैं जिससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है सदियों से आदिवासी जनजाति समाज सनातन हिंदू संस्कृति एवं प्रकृति संरक्षण का मुख्य वाहक रहा है।  इस अवसर पर जनजाति विकास मंच के शांत बारिया , बलवीर सिंगार प्रकाश गढ़वाल, दुर्गेश मुनिया, शैलेश भूरिया, नरसिंह बामणिया, यशवंतप्रदीप जी मकवाना कड़वा मुनिया जी,दीवान जी मुनिया बामणिया ,प्रदीप मकवाना , कड़वा मुनिया ,दीवान मुनिया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे l

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