क्रुस कंधे पर रख चले बिशप बसील भूरिया

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
विश्व की कलीसिया के साथ गुड फ्राइडे कैथोलिक झाबुआ के थान्दला चर्च में मनाया गया। बिशप बसील भूरिया एवं कैथोलक चर्च के संचालक फादर कसमीर डामोर ने बताया कि गुड फ्राइडे अर्थात प्रभु यीशू के दु:ख भोग और क्रुस मर जाने का दिन है। डॉ. बिशप बसील भूरिया ने उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्वय अपने कंधे पर क्रुस रखते हुए क्रुस मार्ग शुरू किया। उन्होने बताया कि जैसे हमारे प्रभु यीशू ख्रीस्त ने क्रुस उठाकर दूसरों के पापों के लिए प्रायश्चित किया उसी प्रकार हम भी अपने क्रुस को उठाए और प्रायश्चित करे और एक दूसरों को क्षमा प्रदान करे। आज जब सारा समाज आगे बढऩे की लालसा में अपने आस पास के मनुष्यों को नीचा गिराते जा रहा है आगे बढऩे होड में वह मनुष्य को मनुष्य ही नही समझ रहा बल्कि उसका शोषण करते हुए स्वयं अपनी राह बना रहा है। हम सभी ख्रीस्तियों का यह धार्मिक कर्तव्य है कि हम सभी मनुष्यों को अपने समान प्रेम करें। इसी दिन समस्त मानव जाति के उद्धार के लिए मनुष्यों के पापों के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। पुण्य शुक्रवार को ईसाई समाज के लोग उपवास परहेज करते एवं दान पुण्य करते है। मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने बताया कि दोपहर १ बजे क्रुस यात्रा चर्च के सामने मैदान में रखी गई जहां समाजजनों ने प्रभु यीशू द्वारा क्रुस लेकर कलवारी पहाड़ तक पहुंचने तक जो पीड़ा उन्होंने सही याद करते हुए अपने पापों का प्रायचित किया। इस अवसर पर सहायक पल्ली पुरोहित फादर बसंत एक्का, फादर जामू कटारा, फादर वीरेन्द्र भूरिया, फादर माइकल मकवाना, पल्ली परिषद के सचिव माथियास रावत, राजू बारिया जोसफ माल, मार्था डामोर, दिव्या चरपोटा, ज्योति निनामा, राजू कटारा, विनोद धानक, फोजू मेड़ा, आनंद मेडा, प्रभु मेड़ा, प्रदीप भाबोर के आलावा माता मरियम समिति की सदस्यों ने सहयोग कर गुड फ्राइडे पर्व को सफल बनाया।

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