रितेश गुप्ता, थांदला
कोरोनों संक्रमण के दौर स्कूली बच्चे व कॉलेज विद्यार्थी भी विभिन्न तरीकों से इस गम्भीर वैश्विक समस्या के बीच आम जन को प्रेरित कर रहे है। विद्यार्थी लेख, चित्रकला, कटिंग, कविता, आर्ट एवं गीतों के माध्यम से आम जन से इस कोरोना वायरस से किस तरह लड़ा जाये के संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में बड़ौदा में डेन्टिस्ट की पढ़ाई कर गोल्डी शाहजी जो कि इस कोराना काल में थांदला अपने घर में रह कर कटिंग आर्ट के माध्यम से भारत माता का चित्रण कर मास्क इस्तेमाल करने, हाथों को बार बार धोने, हाथ मिलाने की जगह नमस्तें को परम्परा में लाने हेतु प्रेरित कर रही है। सोशल मीडिया पर उक्त पेंटिंग की जमकर सरहाना की जा रही है। साथ ही गोल्डी ने एक कविता कोरोना अ बस भी करोना शीर्षक पर बनाई। युुवा संजय कलसिंह भाबर ने कौरोना पर भीली भाषा में कविता थोड़ो रोकय जा मारा भाई लिखी व इसे गीत के रुप में गाया भी गया। इस जागरुकता भरे गीत को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया व सराहा गया।
भीली कविता कोरोना के खिलाफ, थोड़ो रोकय ज़ा रे मारा भाई- संजय कलसिंह भाबर
थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई
नाना-नानी ने बापों आई
सबने मारी एही राई
थोड़ो रोकय ज़ा रे मारा भाई
देह मा ऐवे सन्देश आयो
ज़ाणे कुण यो कोरोना लायो
ज़ाणे केवी है रे ये लाई
थोड़ो रोकय जा रे मारा भाई
तारा-मारा नी फिकर सबने
सावधानी पण राखो हमणे
मत उतावलो थाजे मारा भाई
थोड़ो रोकय ज़ा रे मारा भाई।।
पेलो पुलिस वालों पण अपड़ो भाई
पेलो डॉक्टर पण अपड़ो भाई
तमु केम ऐना थी लफड़ो पाळो मारा भाई
थोड़ा रोकय ज़ा रे मारा भाई।।
गांव मा सरपंच राशन वाटे
देह मा खचपच माशाण थया
सरकारे पण किदू रा मारा भाई
थोड़ा रोकय ज़ा रे मारा भाई।।
रूपया नो कय काम नहीं है
मुख्या नी कोई हुणे नहीं है
खुद हारु ते रोका मारा भाई
थोड़ो रोकय ज़ा रे मारा भाई।।
घेर मा करलो थोड़ो आराम
हाटू मा फेर मलहू आपु, पण
थोड़ो रोकय ज़ा रे मारा भाई।।
साहित्यकार डॉ.शाहजी का कोरोना तू रुक जा रहे कविता आकाशीवाणी पर प्रसारित
13 वर्षीय मास्टर यश शाहजी ने कोराना वायरस से लड़ेगा भारत-जीतेगा भारत शीर्र्षक पर लेख लिखकर अपने विचार व्यक्त किये । यश ने अपने लेख में किस तरह भारत विश्व के अन्य देशों की तुलना में इस वैश्विक बीमारी से लड़ता हुआ विश्व गुरु बन रहा है व हर भारतीय को मजहबी दीवारों को तोड़कर सभी को अपना परिवार मान इस संकट की घड़ी में एक दूसरे का साथ देना चाहिए, जिससे हमारा भारत इस लड़ाई को जीतेगा। जिलें की साहित्यकार डॉ.सीमा शाहजी ने कोरोना तु रुक तो जऱा शीर्षक पर कविता लिखी है तो जिसे आकाशवाणी पर हम होंगे कामयाब कार्यक्रम के दौरान भी प्रसारित की गई।