कन्हैयालाल वैद्य की 110वीं जयंती पर स्मृति व्याख्यानमाला में बोले आर्य सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं राष्ट्रीय सम्पत्ति

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थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
सम्पूर्ण विश्व के मानव का धर्म और संस्कृति एक ही है। धर्म तो एक है संप्रदाय अनेक होते है। धर्म संविधान है जो हमें हमारे अधिकार और दायित्व का दर्शन कराता है। उक्त विचार सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के महांमत्री प्रकाश आर्य द्वारा स्थानीय हनुमान मन्दिर सभागार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कन्हैयालाल वैद्य की 110वीं जयंती के अवसर पर आयोजित स्मृति व्याख्यानमाला में अतिथि वक्ता के रूप में कहे। आर्य ने राष्ट्रधर्म की व्याख्या करते हुए कहा वेदों में माता भूमि पुत्रोअहं पृथ्वीया: लिखा है भूमि मेरी माता है मैं इसका पुत्र हूं इसके नाते इस पर रहना यह मेरा अधिकार है और इसके संरक्षण के लिये अपने आप को होम कर अपना सर्वस्व समर्पित कर देना यह मेरा दायित्व है कर्तव्य है यही राष्ट्रधर्म है। विश्व में राष्ट्रधर्म का सबसे बडा उदाहरण यदि कोई है तो राजस्थान की माता पन्ना धाया जिन्होने अपने राष्ट्र व राजा को बचाने के लिये स्वयं अपने पुत्र को बलिदान कर दिया। वैद्य ने कहा पत्रकारिता राष्ट्रधर्म की थी वे सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता थे। सामाजिक कार्यकर्ता किसी परिवार नहीं बल्कि राष्ट्र की सम्पत्ति होते है। अपने राष्ट्रधर्म को निभाते हुए वैद्यजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन पत्रकारिता में होम कर दिया शोषित पीडित व वंचितों के लिये दृढता से लिखा परिणाम स्वरूप यातनाएं सही यह हमारे सामने बडा उदाहरण जिनके स्मरण को आज हम यहां एकत्रित हुए हैं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण बालकवि बिहारीलाल वैद्य द्वारा दिया गया। मुख्य अतिथि दैनिक सांदीपनि उज्जैन के सम्पादक डॉ. देवेन्द्र जोशी, अध्यक्षता कर रहे नारायण भट्ट ,उज्जैन के पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार, अरविंद जैन राष्ट्रीय पत्रकार मौर्चा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव ने भी संबोधित करते हुए वैद्यजी के व्यक्तित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विशेष अतिथि नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर, पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य ,आचार्य दयासागर,जीववर्धन शास्त्री, जोबट से स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी डॉ. शिवनारायण सक्सेना, नगीन शाहजी, प्रकाश घोडावत, सत्यनारायण शर्मा ,खेमचंद आर्य,जसवंत भाभर, केसी यादवसहीत बडी संख्या सुधीजन उपस्थित थे। कार्यक्रम पं. ओमप्रकाश जोशी कवि गंभीरा नागदा व्दारा अपनी त्रेमासिक पत्रिका सेविका का लोकार्पण अतिथियों व्दारा किया गया। कार्यक्रम में पत्रकार ओमप्रकाश भटट, डॉ उमेश शर्मा, पवन नाहर, मनीष अहिरवार, जितेन्द्र धामन, सत्यनारायण शर्मा, कैलाश पोरवाल, दिनेश जांगरचा को सम्मानित किया गया व वैद्य विघा निकेतन विघालय की भूमिका राठौड को 93 प्रतिशत अंक आने पर व सुमित गोझा को सत प्रतिशत उपस्थिति रहने पर तथा अन्य विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया गया। कार्यक्रम के समापन में स्वतंत्रता सेंनानी स्व. रतनलाल पालरेचा की धर्म पत्नि राजकुंवर पालरेचा के निधन पर मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अक्षय भट्ट व आभार क्रांति वैद्य ने माना।

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