कन्हैयालाल वैद्य की 109वीं जयंती पर हुआ पत्रकार समागम-व्याख्यानमाला

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
मामाजी और वैद्यजी ऐसे दो नेता है जिन्होंने आदिवासी अंचल में रहकर राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया स्व. वैद्य ने समाज-देश व मानवता के लिए त्याग किया। संपूर्ण समाज को उनका ऋणी होना चाहिए। जिन्होंने उपभोक्तावाद के बावजूद भी मानवता के लिए संघर्ष किया। उक्त विचार प्रखर पत्रकार, पूर्व सांसद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैयालाल वैद्य की 109वीं जन्म जयंती पर स्थानीय इंडोर स्टेडियम में पत्रकार समागम व व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए भारत नशामुक्ति आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कही। डॉ. सुनीलम ने कहा कि क्षेत्र की स्कूलों में बच्चों से वैद्य व मामा बालेश्वर दयाल के जीवन पर निबंध आदि प्रतियोगिता का आयोजन करवाए जाने चाहिए जिससे ऐसे कर्मशाली पुरूष के बारे क्षेत्र के लोगों को जानकारी मिल सके। उन्होंने बच्चों को मामाजी और वैद्यजी से प्रेरणा लेने की सीख दी।
वैद्यजी व मामाजी के जीवन को पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाए-

omसाथ ही डॉ.सुनीलम् ने राजनेताओं से आह्वान किया कि वैद्यजी व मामाजी के जीवन वृतांत को पाठयपुस्तकों में शामिल करवाने के लिए प्रयास करे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व नपा अध्यक्ष नारायण भट्ट ने वैद्यजी के बारे में बताया कि वैद्यजी जो ठान लेते थे वह करके ही दम लेते थे। उनके दृढ़निश्चय के चलते ही उन्होंने राजशाही के खिलाफ आंदोलन चलाया और लगभग 10 राजाओं को गद्दी से हटाकर ही दम लिया। वैद्यजी की ख्याति इतनी थी कि लंदन में हो रहे गोलमेज सम्मेलन तक में उनकी चर्चा होती थी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सम्मान निधि जैसे कई शब्द स्वाधीनता की लड़ाई लडऩे वाले नायकों के लिए सरकार से संघर्ष कर किए।
शहर में किसी संस्थान का नाम वैद्यजी के नाम पर रखा जाएगा : सीसीबी अध्यक्ष
कार्यक्रम के विशेष अतिथि सीसीबी अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया ने कहा कि वैद्यजी ने पत्रकारिता द्वारा राजशाही के खिलाफ आंदोलन छेड़ा तो वही मामाजी ने शिक्षा का अलख जगाकर आदिवासियों को जागृत किया। यदि वैद्यजी जैसे लोग न होते तो आज इस आदिवासी अंचल की स्थिति पूर्वांचल की तरह होती। हमारा प्रयास होगा कि थांदला शहर में किसी संस्थान का नाम वैद्यजी के नाम पर रखा जाए। इसके लिए सभी राजनैतिक पार्टी सहमत है। पूर्व विधायक रतनसिंह भाबर ने वैद्यजी के बारे में बताया कि उन्होंने आदिवासी अंचल के लिए कितना संघर्ष किया है। हमारा कर्तव्य है कि उनके संघर्ष से मिली आजादी को बचाए रखे। कार्यक्रम को राष्ट्रीय मोर्चा के महानियंत्रक केसी यादव, वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट, गणपतलाल वैद्य ने भी संबोधित किया। जिले के वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट के पत्रकारिता के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजन समिति के सदस्य और राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा ने शॉल-श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मामाजी की मानस पुत्री मालती बहन का भी आयोजन समिति ने सम्मान किया। मोर्चा की तरफ से जिले के पत्रकारों को भी सम्मान पत्र दिया गया। कार्यक्रम के अंत मे वैद्य विद्या निकेतन के वार्षिकोत्सव मे भाग लेने वाले बच्चों को पारितोषिक वितरण किया गया। स्वागत भाषण क्रांतिकुमार वैद्य ने दिया तथा कार्यक्रम का संचालन युवा पत्रकार अक्षय भट्ट ने व आभार बालकवि बिहारीलाल वैद्य ने किया।
यह रहे मौजूद-
कार्यक्रम में पत्रकार मनोज उपाध्याय, चंदु प्रेमी, कमलेश तलेरा, आत्माराम शर्मा, मनीष अहिरवार, राजू धानक, माणकलाल जैन, सांवलिया सोलंकी, धवल अरोरा, रितेश गुप्ता, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष नगीन शाहजी, युवानेता जसवंतसिह भाबर, पार्षद किशोर खडिया, कनकमल भंडारी, बबला सोनी, शासकीय महाविद्यालय प्राचार्य जीसी मेहता, सांसद प्रतिनिधि गुलाम कादर, तुषार भट्ट, श्रीमंत अरोरा सहित जिले से आए पत्रकारगण व स्कूली बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम मे मामा बालेश्वर दयाल के राजस्थान के अनुयायियों द्वारा मामाजी के जीवन पर कॅलेंडर बनाया गया जिसका विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते डॉ.सुनीलम्  मौजूद स्कूली बच्चे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते डॉ.सुनीलम्
मौजूद स्कूली बच्चे।
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