आद्य शंकराचार्य जयंती पर व्याख्यानमाला संपन्न

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
भारत भूमि कर्म भूमि है इस धरती पर कर्म को प्रधानता है विभिन्न अवतारों का अवतरण इसी धरती पर है। विश्व में अन्य जगह भोग को प्रधानता है। जब-जब भी नैतिकता धर्म का ह्स हुआ है अवतारों का अवतरण हुआ है। उक्त विचार डॉ.सदानंद त्रिपाठी व्दारा युवा रामायण मंडल के तत्वावधान में आद्य शंकराचार्य जयंती के उपलक्ष्य पर स्थानीय रामेश्वर मन्दिर सभागार में आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में कहे। डॉ त्रिपाठी ने अपने उदबोधन में कहा कि कर्म की प्रधानता को सिद्ध करने ही शिवावतार आद्य शंकराचार्यजी का अवतरण हुआ जिन्होंने समत्व के भाव के साथ राष्ट्र की एकता अखंडता को पुर्नस्थापित किया प्राचीन वैदिक शास्त्रों का सवंर्धन संरक्षण किया। देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सनातन सेना का निर्माण किया जिन संतों के एक हाथ में शस्त्र होता है तो वही दूसरे हाथ में शास्त्र-शस्त्र और शास्त्र का अद्भूत समन्वय जो राष्ट्र,धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यक है आद्य शंकराचार्य जी व्दारा स्थापित परम्परा है। आज आवश्यकता है सतत उस परम्परा के अनुसरण की जिसके लिए जरूरी है हम महापुरूषों की अवतारों की जयंतीयों के माध्यम से उनके कार्यो को जनजन तक पहुंचाएं। आघ शंकराचार्य जी के नीति नियमों के दशमलव एक अंश के पालन मात्र से भारत विश्व गुरू बन जाएगा दुनिया में किसी देश की ताकत नहीं जो सामरिक,आर्थिक, व्यापारिक दृष्टि से भारत का मुकाबला कर सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जया पाठक व्दारा की गई। अतिथियों व्दारा आघ शंकराचार्य जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलित व माल्यार्पण का कार्यक्रम की शुरूआत की गई । इस अवसर पर डॉ त्रिपाठी का सम्मान युवा रामायण मंडल के मार्गदर्शक नीरज भट्ट, ओमप्रकाश शर्मा, कुलदीप झाला, श्रीमंत अरोडा, गोपाल नागर व्दारा शॉल-श्रीफल भेंटकर किया गया। कार्यक्रम में भक्त मलूकदास रामायण मंडल के अध्यक्ष किशोर आचार्य, वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश भट्ट, शंकरालाल पंचाल, मोहनलाल पंवार, जयेन्द्र आचार्य प्राचार्य डीके उपाध्याय, ओपी शुक्ला, महेश नागर, किशोर आचार्य, बालकृष्ण आचार्य, दीपक आचार्य,ओमप्रकाश बैरागी, जसवंत भाबर, अक्षय भट्ट, भूषण भट्ट, अशोक शर्मा, डॉ प्रवेश उपाध्याय, प्रतीक नागर, चिराग चौहान, हर्ष नागर, धार्मिक आचार्य समेत सैकडों की संख्या सुधीजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विपुल आचार्य ने व आभार धवल अरोरा व्दारा माना गया।

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