आडम्बर रहित अणु शिष्य मुनि द्वय का चातुर्मास के लिए हुआ मंगल प्रवेश

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थांदला। धर्म नगरी थांदला में अपने चातुर्मासिक कल्प के निर्वहन हेतु पूज्य श्रीधर्मदास सम्प्रदाय के गण प्रमुख बुद्धपुत्र प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती जिन शासन गौरव पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. के अंतेवासी शिष्य स्वाध्याय प्रेमी पूज्य श्री चन्द्रेशमुनिजी म.सा. एवं थांदला गौरव पूज्य श्री सुयशमुनिजी म.सा. आदि ठाणा – 2 का आडम्बर रहित मंगल प्रवेश आज प्रातः वेला में पौषध भवन पर हुआ। पूज्यश्री कल खवासा से 17 कि.मी. का उग्र विहार कर थांदला स्वाध्यायी वीरेंद्र मेहता के निवास पर पधारें वही आज प्रातः उनका मंगल प्रवेश आजाद चौक स्थित जैन पौषध भवन पर हो गया। यहाँ विराजित महासतियाजी व श्रावक – श्राविकाओं ने गुरु भगवंत की यतना पूर्वक भव्य अगवानी कर उनका पदार्पण करवाया। इस अवसर पर पूज्यश्री ने फरमाया गुरु आज्ञा से चातुर्मासिक कल्प के निर्वहन हेतु चार माह के लिए थांदला आगमन हुआ। सभी आराधक श्रुतज्ञान के माध्यम से दान शील तप भाव की आराधना कर अपना जीवन सफल बनायें। पूज्या महासतीजी मसा ने मधुर स्वागत स्तवन सुनाया।

पांच दिवसीय शिविर का आयोजन

श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती सुधा शाहजी, ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा, आईजा प्रदेश अध्यक्ष संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि गुरुदेव की कृपा से मुनि द्वय पहली बार स्वतंत्र चातुर्मास कर रहे है। ऐसे में गुरुभगवन्त के मंगल पदार्पण से चतुर्विध संघ में धर्म का वातावरण निर्मित हो गया। पूज्य श्री के दर्शनार्थ जाने वालें श्रावक श्राविकाओं को धर्म से जोड़ने के लिए छोटे छोटे व्रत प्रत्याख्यान दिए जा रहे है, वही कल दिनांक 5 जुलाई से चातुर्मास के पूर्व प्रातः 8.30 से 9.30 श्रावक श्राविकाओं के लिए 5 दिवसीय ज्ञान आराधना शिविर का आयोजन किया गया है। वही 13 जुलाई से नियमित प्रवचन आदि धार्मिक आयोजन होंगे।

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