आचार्यश्री उमेशमुनिजी की जन्मस्थली में धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी ठाणा 3 का सोमवार को होगा मंगल पदार्पण

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थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी, स्वाध्याय प्रेमीश्री अमृतमुनिजी एवं नवदीक्षितश्री सुलभमुनिजी ठाणा 3 का आचार्यश्री उमेशमुनिजी की जन्म एवं कर्म भूमि थांदला में सोमवार 27 जून को खवासा रोड़ की तरफ से मंगल प्रवेश होगा।

प्रवर्तकश्री का राजगढ़, रायपुरिया, पेटलावद, बामनिया, खवासा, सागवा आदि विभिन्न क्षेत्रों में धर्म प्रभावना करने के पश्चात यहां पदार्पण हो रहा हैं। थांदला में विराजित अणुवत्सश्री संयतमुनिजी, स्वाध्याय प्रेमीश्री जयंतमुनिजी, सेवाभावीश्री सुहासमुनिजी ठाणा 3 एवं साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा 4 सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं, बच्चे सोमवार को अलसुबह खवासा रोड़ पर दूर दूर तक पहुंच जाएंगे। मंगल प्रवेश यात्रा संस्कार पब्लिक स्कूल, पुरानी कृषि उपज मंडी, तेजाजी मंदिर, कुम्हार वाड़ा, एमजी रोड़, नयापुरा, गणेश मंदिर गली, आजाद चौक होती हुई पौषध भवन पर पहुंचेगी। गौरतलब हैं कि प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी का इस मर्तबा चातुर्मास झाबुआ में होगा। केनरा बैंक पर 27 जून सोमवार को सौरभकुमार दिलीपकुमार पीचा परिवार की ओर से प्रातः 7 बजे से नवकारसी का आयोजन रखा गया हैं। प्रवर्तकश्री व संत मंडल के मंगल प्रवेश को लेकर जैन -जैनेत्तर धर्मप्रेमी जनों में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दे रहा हैं।

पौषध भवन पर होगी विविध आराधनाएं

स्थानीय पौषध भवन पर प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी, अणुवत्सश्री संयतमुनिजी ठाणा 6 के सानिध्य में प्रतिदिन प्रातः राई प्रतिक्रमण के बाद प्रार्थना, प्रातः 5 : 50 बजे अनुज्ञा, व्याख्यान प्रातः 9 से 10 बजे तक, दोपहर 2 बजे वाचनी, ज्ञान चर्चा, शाम 7: 15 बजे देवसीय प्रतिक्रमण, चौवीसी स्तुति, गुरु गुणगान, कल्याण मंदिर आदि होगे। जिसमें श्रावक श्राविकाएं उत्साह पूर्वक भाग लेंगे।

पृथक पृथक स्थान पर होगा प्रतिक्रमण

राई व देवसीय प्रतिक्रमण प्रवर्तक श्रीजी आदि ठाणा 6 के सानिध्य में श्रावक वर्ग का पौषध भवन पर एवं साध्वीश्री निखिलशीलाजी आदि ठाणा 4 के सानिध्य में श्राविका वर्ग का दौलत भवन पर प्रतिक्रमण होगा। प्रवर्तकश्रीजी, संत वृन्द व साध्वी मंडल के सानिध्य में संघ में विभिन्न आराधनाएं होगी। श्रीसंघ ने सभी श्रावक श्राविकाओं से प्रवर्तकश्रीजी, संत वृन्द व साध्वी मंडल साथ चतुर्विद संघ के मिले सानिध्य का अधिक से अधिक लाभ लेने का आह्वान किया हैं।

प्रवर्तकश्री के सानिध्य में 28 जून को पक्खी पर्व मनाएंगे

प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी, अणुवत्सश्री संयतमुनिजी ठाणा 6 व साध्वीश्री निखिलशीलाजी ठाणा 4 के पावन सानिध्य में 28 जून मंगलवार को पक्खी पर्व जप, तप, त्याग, तपस्या एवं विभिन्न धर्म आराधनाओं के साथ मनाया जाएगा। इस प्रसंग पर श्रावक श्राविकाएं अपनी शक्ति अनुसार विविध तपाराधना करेंगे। नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप भी होंगे।

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