थांदला। शासकीय सेवा से ईमानदारी पूर्वक कार्य करते हुए निवृत्त होना हर कोई चाहता है वहीं उसे उस स्थान पर रहने वाले लोगों व सहकर्मियों आदि सबका प्यार और स्नेह मिल जाए तो यह उसकी तपस्या का फल ही कहा जा सकता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवा के 33 वर्ष पूर्ण कर विद्या गोपाल परिहार के सेवा निवृत्त होने पर उनके कर्तव्य स्थल सेमलपाड़ा गांव में देखने को मिला। जहाँ गांव के सरपंच देवा छगन डामोर सहित ग्राम वासियों ने शादी समारोह की तरह आयोजन करते हुए श्रीमती विद्या को अभूतपूर्व विदाई दी।
इस अवसर पर पूरे परिवार को मामेरा ओढ़ाते हुए सरपंच देवा ने कहा कि मैडम तो बहुत आएगी लेकिन इनके जैसी अब कभी नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि आज से 33 वर्ष पूर्व जब गांव में कोई आना नही चाहता था तब एक टूटी हुई झोपड़ी में आंगनवाड़ी लगा करती थी। तब से मैडम ने गाँव के बच्चों को संस्कार देने का काम किया है। इस अवसर पर आंगनवाड़ी प्रभारी पुष्पा डोडियार ने कहा कि विद्याजी ने आंगनवाड़ी में कार्य करते हुए कभी शिकायत का मौका नहीं दिया है वहीं वे एक प्रेरणा बनकर सभी के लिए हमेशा याद की जाएगी। वहीं उनके साथ सभी सहकर्मियों ने उनके आने वाले जीवन की बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर उनके हमसफर गोपाल परिहार, पुत्र द्वय लोकेश व जितेंद्र परिहार, सुनील वर्मा, प्रवीण देवड़ा, विक्रम सिंगाड, मनीष वाघेला, पवन नाहर, मनोज उपाध्याय, आंगनवाड़ी व स्कूल स्टॉफ से पुष्पा डोडियार, अर्चना निनामा, कलसिंग वसुनिया, पद्मा हिनवार, दिनेश पोरवाल, मुन्नी परमार, क्लेर डामोर, मगनसिंग वसुनिया एवं उनकी सहायिका सुगना मेड़ा सहित गाँव वासी मौजूद थे।