बामनिया (झाबुआ)।हमे मनुष्य भव मिला है, इस भव में हम भगवान बन सकते है,भगवान न बन सको तो भगवान का बन सकते है,तन की वासना के लिये तो बहुत भव है,तन को साधना से जोड़ने के लिए मनुष्य भव जैसा कोई भव नहीं,मनुष्य भव सब मे श्रेष्ठ है, आप भगवान के पास गये ओर उनके जैसे न बने तो कोई मतलब नही, साधु के पास गये ओर उनका ज्ञान प्राप्त नही किया तो कोई मतलब नही।

						
			
						
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