बाल श्रम निषेध पर सोंडवा में कार्यशाला का आयोजन हुआ

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सोडवा। अंतर्राष्टीय श्रम संगठन और  बी.आर. अम्बेडकर समाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू एवं माँ नर्मदा शासकीय महाविद्यालय, सोण्डवा के संयुक्त तत्वावधान में “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस, 2025″ के उपलक्ष्य में  ” सोशल एक्शन एवं जागरुकता ” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

उक्त कार्यशाला में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. डी. के. वर्मा, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की नेशनल कॉआर्डिनेटर डॉ. बंसारी नाग,  महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राजेश बारिया उपस्थित थे। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा माँ  सरस्वती की प्रतिमा एवं डॉ. बी. आर अम्बेडकर के तथा बिरसा मुंडा जी के छायाचित्रों पर माल्यापर्ण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। स्वागत उदबोधन प्रो नीलम पाटीदार द्वारा दिया गया। प्रो वाइस चांसलर प्रो. डी. के. वर्मा ने बताया कि वर्तमान में भी देश में बाल श्रम की स्थिति बनी हुई है मजदूरी के कार्य में संलग्न कई माता-पिता अपने साथ बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय अपने साथ ही मजदूरी करने में संलग्न करते  है इस कारण बच्चों का सर्वागीण  विकास में कमी के साथ-साथ शिक्षा के स्तर में भी कमी आयी है प्रो. वर्मा ने यह भी बताया कि पूरे भारत में अलीराजपुर जिला शिक्षा, स्वास्थ एवं सर्वागिण विकास  में सबसे अंतिम स्थान पायदान पर है  जो चिंता का विषय है। महाविद्याल के छात्रों को साक्षरता की दर में वृद्धि करने हेतु कई प्रकार के उदाहरणो के साथ शिशित करने हेतु प्रेरित किया।  

अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन की  राष्ट्रीय समन्वयक  डॉ. बंसाली नाग ने अपने उदबोधन में भारतीय  श्रमिकों के मौलिक अधिकारो  पर प्रकाश डाला। साथ ही श्रमिकों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिये जागरुक होने पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा ” हक की हथा” पर आधारित फेन का भी विमोचन किया गया। उक्त फेन में सभी व्यक्तियो को जागरूक करने के उद्देश्य से अपने अधिकारों को समझाया गया है  महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ.राजेश बारिया ने अपने अध्यक्षीय  उद्‌बोधन में सभी विद्यार्थियों से कहा कि बालको को श्रम के बजाय शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए और युवाओ से अपील करी की अपने आसपास बाल श्रम की रोकथाम करने में सामाजिक दायित्व का निर्वहन करे।

आभार प्रो. सायसिंग अवास्या ने माना।और कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के संयोजक डॉ. मुकेश अजनार ने किया। कार्यशाला में डॉ. विशाल देवड़ा, श्री प्रेमप्रकाश गुप्ता जी का विशेष सहयोग रहा।

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