रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया

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शैलेष कनेश

रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया हुआ। कार्यक्रम सोंडवा विकास खंड में जनजाति विकास मंच, आलीराजपुर द्वारा लिया।

रानी दुर्गावती जी के 500वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदाय के मेधावी छात्रों और समर्पित शिक्षकों को सम्मानित करना था।

इस समारोह में उन छात्रों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। साथ ही, उन शिक्षकों को भी पुरस्कृत किया गया, जिनके प्रयासों से उनकी संस्थाओं ने शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त किए, जिससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हुआ। यह पहल जनजातीय समुदाय के भीतर प्रतिभा और कड़ी मेहनत को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता, मां सरस्वती, भगवान बिरसा मुंडा और रानी दुर्गावती जी के चित्रों पर माल्यार्पण के साथ हुआ। सोंडवा खंड शिक्षा अधिकारी, वेंकटेश मूर्ति, ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने विषयों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह हम किसी स्थान पर जाने या कोई सामग्री खरीदने से पहले कई बार सोचते हैं, उसी तरह शिक्षा में भी हमें अपने भविष्य के लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

सोंडवा तहसीलदार, हीरालाल एस्के ने समाज को तराशने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जनजातीय समाज हमेशा से ही प्रतिभाशाली रहा है। मुख्य वक्ता खेम सिंह जमरा ने अपने इतिहास को जानने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत को मिटाने का प्रयास किया गया और हमारे महापुरुषों का इतिहास हमें पढ़ाया नहीं गया। उन्होंने तक्षशिला और नालंदा जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों को जलाए जाने का भी जिक्र किया।

यह समारोह जनजातीय समाज के उत्थान और शिक्षा के प्रति उनके गहरे समर्पण को दर्शाता है। इस कार्यक्रम का संचालन चंदर सिंह चौहान ने किया और विक्रम सस्तियां ने आभार व्यक्त किया। साथ ही, इस कार्यक्रम में जनजाति विकास मंच के जिला प्रमुख गोविंद भयड़िया, जिला अध्यक्ष राजेश डुडवे, सह जिला कार्यवाह प्रवीण कुमार चौहान, जिला युवा प्रमुख कादु सिंह डुडवे, सुनील सस्तीयां, काशीराम तोमर, सोहन मोरी, वीरेंद्र खरत, राजेश अवास्या, शैलेश कनेश, पंकज डावर और अन्य का विशेष सहयोग रहा।

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