तरुणसागरजी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का जैन समाज ने किया विरोध

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झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से एमके गोयल की रिपोर्ट
पर्युषण पर्व के दूसरे दिन राजेन्द्र भवन में हुई सभा में श्वेतांबर जैन समाज ने राष्ट्रसन्त दिगम्बर जैन मुनि तरुणसागर मसा के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध किया। वक्ताओं ने एकमत से राय जाहिर की कि अहिंसक जैन समाज के संतों का अपमान समग्र जैन समाज का अपमान है। जैन समाज अपने संतो का अपमान नही सहेगा। श्वेतांबर श्री संघ अध्यक्ष दिलीप सकलेचा ने कहा कि संतो का अपमान कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाले लोगों की समाज कड़ी निंदा करता है। नवयुवक परिषद अध्यक्ष तरुण सकलेचा ने कहा कि विरोध की यह आवाज यहीं तक सीमित नही रहे बल्कि पूरा देश गूंजना चाहिए। सुरेश समीर ने कहा कि अहिंसा का पालन करने वाले जैन समाज को कायर नही समझा जाना चाहिए। जब भी धर्म पर कोई अंगुली उठाएगा पूरा जैन समाज एकजुट होकर विरोध करेगा। कमलेश नाहर ने कहा कि अपने खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को भी तरुणसागर जी ने उदारता से माफ़ी दे दी । यह साधु और शैतान का अंतर बताता है। चातुर्मास समिति अध्यक्ष राजेंद्र सियाल ने निंदा प्रस्ताव रखा जिसे उपस्थित सभी लोगो ने सहमति दी। पर्युषण के पहले व आखरी दिन नगर में मांस मछली विक्रय प्रतिबंधित के आदेश जारी करने के लिए नगर परिषद अध्यक्ष कैलाश डामोर व सीएमओ बीएस टांक के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया गया।
श्रावक के 11 वार्षिक कर्तव्य बताये
अष्टान्हिका प्रवचन के दूसरे दिन साध्वी श्री चारित्रकलाश्री जी ने श्रावक के 11 वार्षिक कर्तव्यों का वर्णन शुरू किया। मंगलवार को पहले 3 कर्तव्य का वर्णन हुआ। पहला कर्तव्य संघ पूजा का बताया।दूसरा साधर्मिक भक्ति का बताते हुए साध्वी श्री ने कहा कि मेरा तेरा छोड़कर उदार वृति का विकास होना चाहिये।तभी संघ उन्नति करता है। तीसरे कर्तव्य के रूप में यात्रा त्रिक का वर्णन किया।इसमें उन्होंने अष्टान्हिका एरथ यात्रा व तीर्थ यात्रा का वर्णन किया। प्रवचन के दौरान लकी ड्रा के लाभार्थी सजनलाल कटारिया थे। गहुंली व प्रभावना मांगीलाल व्होरा की ओर से थी। जानकारी मीडिया प्रभारी कमलेश नाहर व ललित सालेचा ने दी।

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