जिसने परमात्मा से अपनी कड़ी चेन जोड़ी  है वह भव सागर से पार हो गया है : ज्ञानी महाराज

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कुंवर हर्षवर्धन सिंह परिहार राणापुर

राणापुर के श्री कृष्ण गार्डन में अवधोत्सव के अवसर पर आयोजित राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ पर विराजित ज्ञानी महाराज ने कहा जिसने परमात्मा से अपनी कड़ी चेन जोड़ी है वह भव सागर से पार हो गया है और जो मोह माया में खो गया वह आज भी मझधार में भटक रहे है। 

महाराज ने उपस्थित श्रद्धालु से कहा कि जिस हाथ से तुम अपेक्षा कर रहे हो कि वह तुम्हारे मुख में रोटी का ग्रास रखे और उसे लकवा हो जाय तो वह भी तुम्हारा नही होगा तो फिर सन्तान की आस क्यूं कर रहे हो। अगर आस करना है तो उस राघव की करो जो संसार का पालन हार है तारन हार है। संतश्री ने कहा कि रावण ने एक बार जन्म लिया और उसका वध तो भगवान राम ने किया है लेकिन आज अंहकार रूपी रावण हर मनुष्य के शरीर मे अहंकार के रूप में जन्म ले रहा है और उसको मारने का एक ही तरीका है अपने मन में ह्रदय  में  राम को बसा कर उसका बार बार चिन्तन कर  ध्यान कर अहंकार रावण रूपी को समाप्त किया जा सकता है। मनुष्य आज भगवान का ध्यान छोड़कर मोहमयी दुनिया मे भटक गया है जिससे उसको बाहर निकलने की आवश्यकता है। मनुष्य को आज मैं के भाव से बाहर आना पड़ेगा तो ही वह ईस्वर प्राप्ती के मार्ग पर चल सकता है अन्यथा उसे बार बार इस  असार संसार मे भटकना  पड़ेगा। संत श्री ने आज के इस कलयुग में गोसेवा को सबसे बड़ी सेवा बताया है और सभी से गोसेवा करने  की अपील की है।कथा के तीसरे दिवस भोजन प्रसादी के लाभार्थी रणछोड फकीरचन्द राठोड थे और मुख्य जजमान नारयण पंडा, मनोज पँवार, मनीष पँवार, बाबूलाल जी राठौड़ ओर दैनिक जजमान मुकेश गाहरी ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना कर आरती लाभ लिया।

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