कल्पसूत्र ग्रंथ की निकली शोभायात्रा

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2झाबुआ लाइव के लिए राणापुर से एमके गोयल की रिपोर्ट-
श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व के चौथे दिन अनूठा आयोजन हुआ। कल्पसूत्र ग्रंथ को साध्वी चारित्रकला श्रीजी को व्होराने के लिए लाभार्थी नीलेश मामा के निवास से शोभायात्रा के रूप में राजेन्द्र भवन तक लाया गया। खास बात यह रही कि कल्पसूत्र ग्रंथ अपने सर पर लेकर नीलेश की पुत्री शिवानी अश्व पर बैठी थी। इसके पूर्व साध्वी मंडल सहित श्रीसंघ मामा के निवास पर पहुंचा, यहां उनकी ओर से संघ पूजा की गई। इसके पश्चात शोभायात्रा शुरू हुई। बैंड पार्टी भजनों के माध्यम से वातावरण में भक्ति का भाव जगा रही थी। युवा वर्ग इन भजनों की धुन पर थिरक रहा था।पुराना बस स्टैंड, एमजी रोड, सरदार मार्ग, शिवाजी चौक होकर शोभायात्रा राजेन्द्र भवन पहुंची, यहां लाभार्थी परिवार ने साध्वीश्री को ग्रंथ व्होराया। लाभार्थी परिवार सहित समाजजनों ने वासक्षेप पूजा की। लाभार्थी परिवार के सोहनलाल कटारिया का बहुमान मांगीलाल सकलेचा व दीपेश सेठ ने किया। लकी ड्रा के प्रयोजक डॉ माणक जैन थे।
कल्पसूत्र का हर अक्षर मंत्र समान
साध्वीश्री चारित्रकला ने कल्पसूत्र का वाचन प्रारम्भ किया।उन्होंने बताया कि आचार्य भद्रबाहुसुरी द्वारा रचित यह महाग्रन्थ परम प्रभावशाली है।इसका एक एक अक्षर मंत्र जैसा है। इसके श्रवण से व्यक्ति के पूर्व के कर्म बन्ध कट जाते है तथा नए कर्म बंध रुक जाते है। साध्वी श्री ने बताया कि 24 तीर्थंकर के जीवन चरित्र के साथ साधू स्थिरावली व साधू समाचारी का वर्णन है।कल्पसूत्र के पहले प्रवचन में साधू के 10 आचार का वर्णन किया।इसके पश्चात भगवान महावीर का चरित्र वर्णन शुरू हुआ।
दोपहर में निकली सपनाजी की शोभायात्रा
दोपहर में भगवान महावीर की माता द्वारा देखे गए 14 स्वप्नों की शोभायात्रा निकली। बैंडबाजों की अगुवाई में निकली शोभायात्रा में महिलाएं अपने सर पर रजत निर्मित स्वप्न उठाकर चल रही थी।श्राविकाओं ने चुनडी का व्रत किया। शोभायात्रा में अधिकतर महिलाएं चुनडी पहने हुए थी। दिलीप सकलेचा, रमेश नाहर, चन्द्रसेन कटारिया, अनिल सेठ, रमणलाल कटारिया, तरुण सकलेचा, राजेन्द्र तलेरा, मनोज व्होरा सहित अन्य उपस्थित रहे। जानकारी मिडिया प्रभारी कमलेश नाहर व ललित सालेचा ने दी।
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