कभी हमारी दुकान का वीडियो बनाकर धमकाया जाता है तो कभी झूठी शिकायते की जाती है, व्यापारी धंधा करे या नही ….

एकतरफा कार्यवाही के विरोध में बीज व्यापारी संघ के आव्हान पर बीज की दुकानें रही बंद, सौंपा ज्ञापन

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सलमान शेख@ झाबुआ Live 
पेटलावद। क्षेत्र में खाद-बीज व्यापारियों ने मंगलवार को आधे दिन के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। यह सब उन्होंने चौधरी एग्रो एजेन्सी सोमवार को प्रशासन द्वारा की गई एकतरफा कार्यवाही के विरोध में किया। दरअसल, उक्त व्यापारी पर कथित रूप से एमआरपी रेट से ज्यादा रेट में बीज बेचने का आरोप लगा था। इसी आरोप के चलते व्यापारी के यहां प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई। बीज व्यापारी संघ ने आज मंगलवार को 1 बजे तक दुकानें बंद रखकर एक ज्ञापन एसडीएम आईएएस अनिल राठौर को ओर एक कृषि विस्तार अधिकारी को सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि हमारे संघ के सदस्य चौधरी एग्रो एजेन्सी पेटलावद पर जिले के बाहरी असमाजिक तत्वो ने बिना किसी वजह से केवल ब्लेकमेलिंग हेतु झूठा आरोप लगाया कि हमें 853 का कपास पैकेट 2000 रू में दिया जा रहा है, लेकिन वास्तव में ऐसा कोई वाक्या संस्था पर नही हुआ था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों केवल किसान के झुठे बयान के आधार पर कृषि विभाग के अधिकारीयों से नंदलाल जी चोधरी पर एफआईआर दर्ज करवाई एवं एक पक्षीय कार्यवाही की गई।बीज व्यापारी संघ ने का कहना है कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की शिकायत आने पर बिना किसी व्यापारी का पक्ष जाने बीना ठोस सबुत के आधार पर ऐसी कार्यवाही नही कि जाए। उन्होंने मांग की है कि इस कार्यवाही में चौधरी एग्रो ऐजेंसी प्रोपाइटर नंदलाल चौधरी की दुकान सील की गई थी, लेकिन दुकान में कृषि बीज व कृषि दवाई का स्टोक है जिसे जल्द निरीक्षण कर उक्त दुकान को खुलवाया जाए एवं बिना विलंब एफआईआर को निरस्त किया जाए। बीज व्यापारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हम प्रशासन के साथ है पूरा सहयोग और मार्गदर्शन लेने को तैयार है लेकिन उनकी परेशानियों को भी सुना जाए जो व्यापारी गलत करता है उस पर कार्रवाही होना चाहिए परन्तु कल हुई कार्रवाही में ज्यादा रुपए लेकर कोई व्यापार भी नही किया गया है। व्यापारियों ने ज्ञापन देने के बाद अपनी दुकानें खोल ली है।

यह था मामला:
दरअसल, सोमवार को चौधरी कृषि एग्रो एजेंसी में दो युवक कपास के  बीज लेने के लिए आए थे। यह युवक पेटलावद के नही थी, बल्कि बाजना (रतलाम) से आए थे। इन दोनो युवकों का आरोप था कि कुली बीजी 2 नामक कपास का बीज जिसकी एमआरपी 853 रुपए थी, लेकिन यहां बीज व्यापारी उसे 2000 प्रति पैकेट बेच रहा था। हालांकि व्यापारी ने युवकों को केवल भाव बताए थे उन्हें बीज बेचे नही थे। इसके बाद युवकों ने इसकी शिकायत एसडीएम को कर दी और एसडीएम टीम बनाकर चौधरी एग्रो एजेंसी पहुंचे और पंचनामा बनाकर कार्यवाही की। इसी एकतरफा कार्यवाही के विरोध में मंगलवार को पेटलावद के सभी बीज व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी। आधे दिन दुकानें बंद रहने के कारण ग्रामीण अंचलों से आने वाले किसानो को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई किसान अपने गांव लोट गए।
बाहरी लोग जबरदस्ती वीडियो बनकर ले जाते है:
बीज व्यापारियों बीज व्यापारी धर्मराज पाटीदार, कैलाश चोयल, अंकित बरबेटा, रितेश निमज़ा, अनुपम भंडारी, जीवन ओरा, रजनीश पटवा, उमेश श्रीमाल आदि का कहना है कि क्षेत्र में कई बाहरी लोग सक्रिय है, जो जबरदस्ती वीडियो बनाकर ले जाते है और बाद में हमें धमकाते है। यही नहीं फिर बाद में प्रशासन पर कार्यवाही का दबाव बनाते है। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भी बिना सोचे समझे बीज व्यापारियों पर कार्यवाही कर देते है। यह पहली बार नही है जब बीज व्यापारियों पर कार्यवाही हुई है। इससे पहले भी कई बार बीज व्यापारियों पर कार्यवाही हुई है। ऐसा कब तक चलेगा।

बीज की भारी किल्लत:
आपको बता दे कि इस बार आगे से ही कपास बीज की किल्लत है, जिसके कारण कई जगह व्यापारियों पर यह आरोप लगे है कि वह एमआरपी से ज्यादा रेट में बीज किसानो को विक्रय कर रहे है। हालांकि अभी तक पेटलावद नगर में कोई भी व्यापारी द्वारा इस प्रकार का कोई ज्यादा रेट में बीज बेचने का मामला सामने नही आया है। चौधरी एग्रो एजेंसी के प्रोपाइटर द्वारा सिर्फ बीज के भाव बताए गए थे, बल्कि बीज बेचा नही था। जिन 2 युवकों ने यह आरोप लगाया उनका यह भी कहना था कि बीज व्यापारी को यह शंका हुई कि हम वीडियो बना रहे है तो उसने खुद के घर के लिए वह एक पैकेट रखा है ऐसा उन्हे कह दिया, जिसके दाम उसने 2000 बताए थे।
बीज व्यापारी बोले- हम धंधा करे या नही:
बीज व्यापारियो ने बताया कई बार हमारे पास झुंड में 5 से 10 युवक आते है और कहते है कि तुम कपास का बीज ज्यादा भाव क्यो बेच रहे हो, तब हमारे द्वारा उन्हे समझाया जाता है कि ऐसा नही होता है हम कम्पनी तथा शासन के द्वारा निर्धारित मुल्य सुची अनुसार ही बेच रहे है, लेकिन फिर भी सभी हमसे विवाद करने पर अमादा हो जाते है और हमें धमकाते है। आखिर व्यापारी धंधा करे या नही। लगातार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हो रही एकतरफा कार्यवाही से व्यापारी भयभीत है। जिसके कारण व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद की थी। यही नहीं ऐसी कार्यवाही से परेशान होकर क्षेत्र के ज्यादातर व्यापारियों ने एक साल से खाद बेचना ही बंद कर दिया है।

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