Exclusive : पेटलावद की ऐसी ग्राम पंचायत जंहा मृतक के बनाये जाते है संबल कार्ड

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शान ठाकुर, पेटलावद

मध्यप्रदेश शासन के द्वारा गरीब असहाय लोगों के लिए असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल श्रम विभाग के माध्यम से संबल योजना चलाई जा रही है…जिसके तहत गरीब लोगों को इस योजना से जोड़कर उन्हें लाभ देने का काम किया जा रहा है। योजना के तहत श्रमिक की मौत के उपरांत मृतक श्रमिक के परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। ताकि परिवार सहायता राशि से अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। इस योजना में शहरी क्षेत्र से लेकर पंचायत स्तर पर लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। लेकिन भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी इस योजना को लाभ का धंधा बनाने में भी पीछे नहीं है। जिसका ताजा मामला पेटलावद जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत धोलीखाली से सामने आया है। जंहा पंचायत सचिव व जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से एक मृतक व्यक्ति का संबल योजना में पंजीयन कर संबल कार्ड बना दिया गया। जबकि पंचायत कार्ड बनाने से पहले ही मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर चुकी थी। 

यह है पूरा मामला

मामला पेटलावद जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत  धोलिखाली का है। जंहा दिनांक 2 अगस्त 2024 को सुखराम पिता बालू निनामा निवासी धोलिखाली की मौत हो जाती है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत द्वारा मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है। लेकिन कुछ दिनों बाद पंचायत सचिव अनारसिंह सोलंकी द्वारा मृतक व्यक्ति सुखराम के नाम से संबल 2.0 योजना के पोर्टल पर दिनांक 14 अगस्त को मृतक का पंजीयन किया जाता है एवं दिनांक 17 अगस्त को पंजीयन का सत्यापन भी कर दिया जाता है ओर फिर 21 अगस्त को मृतक का संबल कार्ड बनकर तैयार हो जाता है। जबकि योजना के तहत जीवित व्यक्ति ही पात्र है। लेकिन इस ग्राम पंचायत में मृतक व्यक्ति का संबल योजना में पंजीयन कर कार्ड बना दिया गया। 

पंचायत सचिव ने स्वर्ग से किया सम्पर्क… फिर हुआ सत्यापन ??

ग्राम पंचायत सचिव अनार सिंह सोलंकी द्वारा भ्रष्टाचार करने की नीयत से मृतक व्यक्ति का पंजीयन किया और फिर संबल योजना का कार्ड बनाया। पंचायत सचिव द्वारा पोर्टल पर 17 अगस्त को सत्यापन करना दर्शाया गया है। मानो पंचायत सचिव द्वारा मृतक व्यक्ति से स्वर्ग से संपर्क किया और पंचायत में सत्यापन कर दिया। पंचायत सचिव द्वारा किए गए इस कृत्य से साफ नजर आ रहा है की किस तरह योजना को लाभ का धंधा बना दिया गया। 

ऐसे बना शासन को लूटने का प्लान

संबल योजना के तहत मृतक श्रमिक के परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। ऐसे में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा शासन की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाते हुए और शासन की राशि हड़पने के उद्देश्य से प्लान बनाया गया और फिर मृतक को इस योजना में शामिल किया गया। कुल मिलाकर शासन के ही कर्मचारी ने शासन को लूटने का प्लान बना लिया। पंचायत सचिव के इस प्लान में और भी अधिकारियों के शामिल होने की आशंका नजर आ रही है। क्योंकि पंचायत सचिव इतना बड़ा कारनामा अकेले करें यह थोड़ा समझ से परे है।

गैर जिम्मेदाराना जवाब

पूरे मामले में जब पंचायत सचिव अनारसिंह सोलंकी से चर्चा करना चाही तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने एक लड़के को काम पर रखा है जो मेरा पूरा काम देखता है। पंचायत सचिव द्वारा पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया गया, जबकि पोर्टल पर साफ नजर आ रहा है कि पंचायत सचिव द्वारा ही सत्यापन किया गया है और नियमानुसार भी पूरे मामले में जिम्मेदार पंचायत सचिव ही है। हालांकि अब देखना की उच्च अधिकारी इस पर क्या कार्यवाही करेगे। 

मुझे जानकारी नही…

ग्राम पंचायत सरपंच से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है, आप पंचायत सचिव से बात कर लो। 

करेंगे सख्त कार्यवाही…

मामले की जानकारी हमें मिली है, जनपद स्तर से जांच करवाई जा रही है। सचिव द्वारा ही संबल योजना में पंजीयन और सत्यापन किया जाता है। अगर मृतक व्यक्ति का पंजीयन कर कार्ड बनाया गया है तो निश्चित ही संबंधित पंचायत सचिव के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी : राजेश कुमार दीक्षित, सीईओ, जनपद पंचायत पेटलावद।

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