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पर्व पर्युषण धर्म कमाई का सुन्दर अवसर है,जीव मोह की नींद से जागे और साधना के मार्ग में जुट जाए। धर्म रूपी रथ का धैर्य रूपी सारथी रखिये,संस्कारो के फूल से जीवन को महकाये।संस्कार हटे नही की धर्म घटते देर नहीं लगती। उक्त प्रेरक उदगार स्थानक भवन में विराजित पूज्य महासतीजी मनोज्ञाश्री ने पर्युषण महापर्व के प्रथम दिन धर्मसभा में व्यक्त किये।आपने कहा कि आने वाली पीढ़ी को समय वात्सल्य और प्रेम दीजिये औरो की जिंदगी पर ध्यान देने के बजाय अपने जिंदगी पर ध्यान दीजिए ।दुकान पर जाने के पहले मन में संकल्प कीजिये की अन्याय अनीति का पैसा कमाऊँगा नहीं
सामने वाले की खून पसीने की कमाई छीनूँगा नही पर्व की सार्थकता के लिए 8 दिन के लिए अपने तन और मन को जिनशासन में समर्पित कर दीजिए।पूज्य महासती शिल्पा जी ने कहा कि तप और त्याग से पर्व को मनाईये।धर्म सभा में 9 उपवास की तपस्या करने वाली अवनि पोरवाल व सिद्धि तप आराधिका प्रीती मेहता का बहुमान किया गया विभिन्न तप आराधनाओं के प्रत्यख्यान हुए। विनोद बाफना ने नवयुवक मंडल की अणु दर्शन यात्रा की विस्तृत जानकारी दी। श्री संघ के तत्वाधान में पर्युषण पर्व के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। मंगल पाठ पूज्य महासती इंदुमती मसा ने कराया दोपहर में सामायिक पर आधारित लिखित प्रश्नोत्तरी का आयोजन हुआ एवं तपस्वियों के बहुमान में चौबीसी का आयोजन भी हुआ।संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।

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