भाव नहीं मिलने से किसानों का टमाटर की खेती से हुआ मोह भंग, बोवनी का रकबा घटाया

0

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
टमाटर के भाव आसमान छू रहे है और इधर किसानों का भी टमाटर की खेती से मोह भंग हो रहा है पिछले दस वर्षों में जहां टमाटर का रकबा लगातार घटा है। 10 वर्ष पूर्व तक क्षेत्र में 6 हजार हेक्टयर में लगने वाला टमाटर अब मात्र 550 हेक्टयर में सिमटकर रह गया है.जिससे लगातार टमाटर के भाव बढ़ेंगे। प्रचुर मात्रा में टमाटर का उत्पादन करने वाला पेटलावद क्षेत्र इस बार टमाटर की खेती में पिछड़ रहा है यहां टमाटर की बुवाई तीन गुना कम हो गई है। लगातार टमाटर का रकबा घटता जा रहा है इस बार मात्र 550 हेक्टयर क्षेत्र में टमाटर की बुवाई की गई है जबकि पिछले वर्ष 2200 हेक्टयर क्षेत्र में टमाटर की बुवाई की गई थी जिससे प्रचुर मात्रा में टमाटर की आवक हुई थी और किसानों को भाव नहीं मिल पाए थे। मजबूरन किसानों को अपने टमाटर सडक़ों पर फेंकना पड़े थे जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ था तथा वे कर्ज के बोझ से दब गए थे जिस कारण किसानों का इस बार टमाटर से मोह भंग हो गया है, जिसके चलते बाजार में टमाटर के भाव आसमान छूने लगे है। इस समय बाजार में टमाटर 120 रूपए किलो बिक रहे है। टमाटर मिल भी नहीं पा रहे है। टमाटर के भाव सेवफल के टक्कर में चल रहे है आम आदमी की पहुंच से टमाटर बाहर हो चुका है।
पाकिस्तान नहीं पहुंचे टमाटर
टमाटर का रकबा केवल पेटलावद क्षेत्र में ही नहीं पूरे देश में भी घटा है क्योंकि पिछले वर्ष टमाटर का उत्पादन प्रचुर मात्रा में हुआ किंतु खपत नहीं होने से टमाटर के भाव नहीं मिले थे, मुख्य रूप से बेत्र का टमाटर दिल्ली, अहमदाबाद की मंडियों में जाता है जहां से टमाटर पाकिस्तान व खाड़ी देशों में निर्यात किया जाता है किंतु इस बार पाकिस्तान से चले विवाद के कारण टमाटर पाकिस्तान भी नहीं पहुंचा, जिस कारण उसकी खपत नहीं हो पाई। किसानों का कहना है कि हमारा टमाटर पाकिस्तान को नहीं दे लेकिन खाड़ी देशों में टमाटर की विशेष मांग होती है, जहां भारत का टमाटर खपाया जा सकता है यह बड़ा बाजार है जिसके लिए सरकार को प्रयास कर टमाटरों को खाड़ी देशों तक पहुंचाना चाहिए। खपत के अभाव में किसानों को भाव नहीं मिले, और किसानों की कमाई तो ठीक किसानों का खर्चा भी नहीं निकला तो उन्होंने इस बार टमाटर से रुख मोड़ लिया है। इस कारण रकबा भी घट गया किंतु अब बाजारों में टमाटर के भाव आसमान छूने लगे है।
किसानों की मांग.
किसान रामेश्वर मक्सा, डॉ. नाथूलाल पाटीदार और मनोहर पाटीदार की मांग है कि टमाटर के उत्पादन की ओर किसानों का रुख रखने के लिए सरकार को किसानों के टमाटर उचित मूल्य पर लेना होंगे तथा जिस क्षेेत्र में टमाटर का प्रचुर उत्पादन है वहां कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जाना चाहिए। उद्यानिकी विभाग के सुरेश इनवाती ने बताया कि इस समय बेत्र में टमाटर की बोवनी कम जरूर हुई है किंतु यह रकबा बढ़ सकता है। किसानों को टमाटर की फसल को बचाने के लिए खेतों में पानी निकासी का उचित प्रबंधन करना चाहिए।
– इस प्रकार टमाटर की फसल बोने के बाद चिंता में किसान.

Leave A Reply

Your email address will not be published.