15 नवंबर को पेटलावद में होगा भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति का भव्य अनावरण

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शान ठाकुर, पेटलावद 

15 नवंबर को पूरे देश में क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी। खासकर जनजाति समाज में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। वहीं शासन स्तर से भी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाए जाने को लेकर समस्त ग्राम पंचायतो में विशेष ग्राम सभा भी आयोजित की जाएगी। वही पेटलावद शहर में एक भव्य आयोजन होने जा रहा है। 

प्रेसवार्ता कर दी जानकारी

मंगलवार शाम पेटलावद में जनजाति विकास मंच एवं मूर्ति स्थापना समिति द्वारा एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई। जिसमें बताया गया कि पेटलावद में जनजाति गौरव दिवस 15 नवंबर को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। एवं स्थानीय महाविद्यालय मैदान पर सुबह 11 बजे से सभा का आयोजन होगा। वही पुराना बस स्टैंड के समीप भगवान बिरसा मुंडा की भव्य मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगो के जुटने की बात कही गई है। जनजाति विकास मंच जिला संयोजक संजय मखोड़, मूर्ति स्थापना समिति के अध्यक्ष हिमांशु मुणिया, एवं कोषाध्यक्ष रमेश सोलंकी ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापना को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। कार्यक्रम में पेटलावद क्षेत्र के अलावा अन्य जिलों से भी जनजाति समाज एवं सर्व समाज के लोग शामिल होंगे और कार्यक्रम को सफल बनाएंगे। वही 100 से अधिक पारंपरिक वाद्य यंत्र जिसमें ढोल-मांदल आदि शामिल होंगे और 10 से अधिक अखाड़े भी कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है। 

सर्व हिन्दू समाज से अपील

जनजाति विकास मंच एवं मूर्ति स्थापना समिति द्वारा सर्व समाज से अपील की गई है की क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम एवं जनजाति गौरव दिवस में शामिल होकर कार्यक्रम को भव्य और सफल बनाएं। इस दौरान नगर संयोजक कांतिलाल डामोर, खण्ड संयोजक लालसिंह गरवाल, सदस्य भारत सिंह मुणिया, अजय गरवाल, विशाल गरवाल, गोलू सिंगाड, अर्जुन गरवाल, श्यामू मेडा आदि उपस्थित थे। 

कौन थे बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को रांची के पास उलिहातु नामक स्थान पर हुआ था। वे झारखंड, भारत में एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी लोगों के नेता बन गए। मुंडा जनजाति के सदस्य के रूप में, उन्होंने छोटी उम्र से ही ब्रिटिश शासन का कड़ा विरोध किया और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए विद्रोह का नेतृत्व किया। वही भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रि मंडल द्वारा 10 नवंबर 2021 को आयोजित बैठक में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को “जनजातीय गौरव दिवस” ​​​​के रूप में घोषित किया है। इस दिन भारत के एक वीर स्वतंत्रता सेनानी को याद किया जाता है।

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