हजारों श्रोताओं को उपदेश देते हुए बोले सरस्वती पुत्र कमलकिशोरजी नागर- हाथ की रेखा व दिल की बात किसी से न बताए
अर्पित चोपड़ा, खवासा
जिसका मुँह बिगड़ जाता है उसका घर भी बिगड़ जाता है और जिस घर में महिला क्रोध करती है वह घर कोप भवन बन जाता है। इसलिए चाहे जितने भी मतभेद हो जाए मनभेद कभी भी नहीं रखना चाहिए । व्यर्थ के पाखंड से बचते हुए हाथ की रेखा और दिल की बात किसी को नहीं बताना चाहिए। उक्त बाते मालव माटी के संत, माँ सरस्वती के वरद पुत्र पंडित कमल किशोरजी नागर ने यहाँ चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण के दौरान कही । संतश्री ने कहा कि मनुष्य को कभी भी आय से अधिक व्यय नहीं करनी चाहिए । यदि आय कम हो तो कोई चिंता की बात नहीं परंतु अन्याय से कमाई नहीं करना चाहिए । अन्याय से की गई कमाई अनर्थ ही पैदा करती है ।
ग्राम में श्रीमद्भागवत महापुराण की धर्म-गंगा अनवरत बह रही है। कथा के तीसरे दिन हजारों श्रध्दालुओं ने खवासा पहुंच कथा सुनी । समय के साथ-साथ कथा में श्रोताओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। कथा के तीसरे दिन करीब 20 हजार श्रोताओं ने खवासा पहुंच कथा श्रवण का लाभ लिया।
नोट – अगर आप झाबुआ – अलीराजपुर जिले के मूल निवासी है ओर हमारी खबरें अपने वाट्सएप पर चाहते है तो आप हमारा मोबाइल नंबर 9425487490 को पहले अपने स्माट॔फोन मे सेव करे ओर फिर Live news लिखकर एक मेसेज भेज दे आपको हमारी न्यूज लिंक मिलने लगेगी