स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रही गंदगी, वार्डों की भी हालत देखें जनाब !

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सलमान शेख, झाबुआ LIVE…..
देश में स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की शुरूआत हो गई है| इस कार्य के लिए सर्वेक्षण टीम शहर-शहर घूमकर मानकों के हिसाब से वहां की साफ-सफाई की जांच कर रहे हैं| इसके लिए सभी नगर निकाय भी अपने-अपने तरीके से बेहतर रैंक लाने केलिए काम कर रहे हैं। ऐसे में पेटलावद नगर परिषद कैसे पीछे रहता वो भी तब जब पिछले दो साल से स्वच्छता सर्वेक्षण में पेटलावद शहर को साफ-सुथरे शहर का तमगा मिलते आ रहा हो| लेकिन जमीनी हकीकत क्या यहीं है? स्वच्छता सर्वेक्षण के सभी मानकों पर खड़ा उतरने के लिए क्या पेटलावद वाकई में पूरी तरह से परिपक्व है? नहीं… कम से कम जो हालात तस्वीरों में दिख रही है उसे देखकर तो हां कहना बेहद मुश्किल हो जाएगा|
चलिए बताते हैं पूरी हकीकत क्या है… पेटलावद की मुख्य सड़कों को देखकर कोई भी यहीं कहेगा कि सचमुच इससे साफ-सुथरी कोई जगह नहीं| लेकिन कुछ दूर चलकर जब आप वार्डों में या अंदर के इलाकों में पहुंचेंगे तो हालात कुछ और ही होंगे| अचानक ही मुख्य सड़क की वो चकाचक तस्वीर ओझल हो जाएगी औऱ जो आपके सामने होगा वो होगा कचड़े का अंबार और जगह-जगह सड़को पर गड्ढे|
शहर के वार्डों में कहीं भी साफ-सफाई का नामो-निशां नहीं है| जिधर नज़र दौड़ाओ वहीं कचड़े का ढ़ेर नजर आता है|
शहर को पूर्ण रूप से खुले में शौच मुक्त बताया जाता है लेकिन यहां तो लोग खुले में ही शौच करते नजर आये| ये वाक्या नगर परिषद और प्रशासन के तमाम दावों पर सवाल उठाता है| शहर की आमजनता भी आरोप लगा रही है कि परिषद के अधिकारी सर्वेक्षण टीम को दिग भ्रमित करने का काम कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक सर्वेक्षण टीम को बिना किसी को बताए, औचक सर्वेक्षण करना था। लेकिन सर्वेक्षण टीम, परिषद के कर्मियों के साथ मिलकर इस सर्वेक्षण को अंजाम दे रही है। जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। और अगर ये सच है तो इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए|
कई जगह नालियों की निकासी नही, हालात बद से बदतर:
नालियों में निकासी न होने और दबंगो की दबंगबाजी से निष्क्रिय हुए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के कारण कई वार्डो में हालात बद से बदतर होते जा रहे है, जिसके कारण रहवासियों का जीना दुश्वार हो चुका है। ऐसा नही है कि इन सब परेशानियों का जनप्रतिनिधियों ओर अधिकारियों को नही है, जबकि सबकुछ पता होते हुए भी सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे है।
कई बार अफसरो के समक्ष की शिकायत, लेकिन नही निकला कोई हल:
बात करते है वार्ड क्रमांक 1 और 8 की जहां की समस्या बिल्कुल एक है। यहां कई वर्षों बाद रहवासियों को सुविधाजनक सड़क मिली, लेकिन नाली नही बनने और कई जगह नालियों के गंदे पानी की निकासी नही होने के कारण पानी खाली प्लाटो में इकठ्ठा हो रहा है और कई घातक ओर जानलेवा बीमारियों को जन्म दे रहा है।
वार्ड 8 में तो किसी अज्ञात व्यक्ति ने नाली को ही बंद कर दिया, और रही सही कसर नाली बनाने वाले ठेकेदार ने नालियों को ज्यादा घुमावदार बनाकर पूरी कर दी। अब इस स्थिति में पानी निकासी नही होने के कारण करीब 150 घरो पानी एक खाली प्लाट में जमा हो रहा है, यहां हालात यह हो गए है कि गन्दे पानी की बदबू से पीछा छुड़ाने के लिए आसपास के रहवासियो को पूरे घर मे परफ्यूम छिड़कने की नोबत आन पड़ी है।
ग्राउंड 0 पर पहुंचने पर रहवासी श्रीमती पुष्पा गणावा सहित अन्य महिलाओं ने हमसे चर्चा की और बताया कि साफ-सफाई को लेकर नगर परिषद के अफसरों समक्ष कई बार शिकायत की गई, पर अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। विरोध प्रदर्शन के बाद भी समस्या का निदान नहीं होता है तो उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। अफसर स्वच्छता टीम को चिहिंत स्थल पर निरीक्षण करा ले गए, ताकि झूठी वाहवाही लूट सके। जबकि धरातल पर वास्तविकता कुछ ओर ही है।
गंदगी से लोगों में बीमारी का खौफ:
गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। नालियों के अलावा मुख्य सडक़ पर भी कचरा और अपशिष्ट पदार्थ पसरे रहता है। स्वच्छता की दुहाई देने वाले लोग वार्डो में दवा छिडक़ाव के प्रति कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में रहवासी वर्तमान मौसम में मलेरिया, टाइफाइड जैसी घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा वार्डो में सफाई की स्थिति इतनी खराब है कि गंदगी से जाम नालियां नपं अफसरों के मौज की पोल खोल रही है।
सभी वार्डो में यही स्थिति:
साफ-सफाई की समस्या सिर्फ एक वार्ड में नही है, बल्कि अन्य वार्डो में भी यही समस्या व्याप्त है। जानकारों का कहना है कि स्वच्छता टीम को कुछ वार्ड के पार्षद ने गंदगी दिखाई थी, पर बाद में आलाकमान के दबाव में आकर चुप्पी साध लिए हैं। इसके बाद भी सफाई को लेकर परिषद अफसर काफी संतुष्ठ नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि टीम को वार्डों में लगे गंदगी के अंबार और बजबजाती नालियों को भी देख कर वहां के लोगों से बात करना चाहिए। इस तरह से सर्वेक्षण कर वास्तविक स्थिति को नही दिखा कर यहां के लोगो को छलने का काम किया जा रहा है। जनता यहां तक कि खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगा रही है|
सीएमओ बोले: कार्यवाही की जाएगी…
– इस सम्बंध में सीएमओ सुरेशचन्द्र त्रिवेदी का कहना है कि मामले को मेरे संज्ञान में लाया गया है। मोके पर जांच की जाएगी, अगर जबरन किसी व्यक्ति ने नालियों को बंद किया होगा तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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