तेजाजी महाराज की कथा 51 सालों से चल रही, साल के 35 दिन कथा का आयोजन अलग अलग घरों में होता है

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जीवन राठोड, सारंगी

तेजाजी महाराज की कथा नागपंचमी से तेजाजी की दशमी तक पूरे 35 दिनों तक अलग अलग घरों में जाकर थांदला का तेजाजी मंडल करता आ रहा है। और इस क्रम को लगातार 51 वर्षो से निभाया जा रहा है। इसी क्रम में गत दिवस सारंगी के जीवन कालूराम जी राठौड के यहां कथा का आयोजन रखा गया। जिसमें समाजजनों ने तेजाजी महाराज का बखान करते हुए कई किस्से सुना कर भाव विभोर कर दिया।

इसमें एक किस्सा सुनाया गया जिसमें तेजाजी महाराज ने भाला रोप कर मेणिया ड़ाकुओं से कहां की भाला उठाओ एक से भी भाला हिला तक नहीं डाकूओं ने तेजाजी महाराज को नमन करते लुट पाट त्याग कर मानव जीवन को अपनाया। इस मंडल का आयोजन राठोड समाज द्वारा किया जाता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ तेजाजी महाराज के चित्र पर पुष्प माल्यार्पण विधि विधान से पूजा पाठ कर किया गया। तेजाजी महाराज की कथा भजन संध्या के माध्यम से सभी के बीच रखी गई जिससे सभी ने अति श्रद्वा और आत्मीयता के साथ आत्मसात किया।

थांदला तेजाजी मण्डल विगत 51 साल से इस आयोजन को करते आ रहे हैं। तेजाजी मण्डल के अध्यक्ष लक्ष्मण राठौड़, नगर परिषद उपाध्यक्ष पंकज राठौर जागीरदार,सुनील राठौड़,अनिल,जमनालाल राठौड़,नानालाल राठौड़, बसंतीलाल राठौड़, कचरू गोर्धनजी,जगमोहन राठौर ,कन्हैयालाल ,अक्का भाई, शुभम, शिवम,तेजमल राठौड़, मांगीलाल पुजारी,उमेश जागीरदार,रवि,बंटी, रामचन्द राठौर बद्री राठौर ,ईश्वर,विजय,जयु, भोला,आशुतोष, अर्जुन सुतरेटी,सुरेश, गिरधारी वेवेक आदि भक्तगण उपस्थित रहे। भव्य कथा भजन संध्या में पूर्णाहुति पर महाआरती कर समाजजनों ने धर्म लाभ लिया।

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