परम संत बाबा जयगुरुदेव सत्संग का भव्य आयोजन हुआ, हजारों भक्तों ने सत्संग का लिया लाभ

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जीवन लाल राठोड, सारंगी 

उ.प्र., राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात इन पांच प्रान्तों में आत्मकल्याण व अच्छे समाज के निर्माण का सन्देश सुनाने के बाद छठे प्रान्त मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावद तहसील के सारंगी गांव में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा (उ.प्र.) के अध्यक्ष व परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के एकमात्र उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध जनजागरण यात्रा के साथ कल सायंकाल जब पधारे तो पैंसठवाँ पड़ाव था। 

स्थानीय भाई-बहनों ने बाजे-गाजे के साथ पूरे काफिले का पुरजोर स्वागत किया। आज यहां सत्संग समारोह का आयोजन हुआ। मंच पर महाराज जी का पुष्पहार भेंट कर म.प्र. संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष नारेन्द्र सिंह बघेल, महासचिव बी.बी. दोहरे, जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंगार, बंशीलाल, रामलाल निनामा, रामचन्द्र सोलंकी, अनरसे, रंजीत पाटीदार, सहयोगी संगत बलिया के धनन्जय शर्मा, रामपुर के ज्ञान सिंह आदि ने स्वागत किया। सत्संग सभा में प्रवचन करते हुये पूज्य महाराज जी ने कहा हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने लोगों को प्रभु के भजन भक्ति में लगाने व अच्छे समाज के निर्माण के लिये अपने जीवन काल में अथक परिश्रम किया, अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा देकर बीसों करोड़ लोगों को इसमें संलग्न किया। हम मानवता और आध्यात्मिक षक्ति के जागरण से सबको जीवन का सत्य सिखाकर ईष्वर की तरफ मोड़ने के प्रमुख लक्ष्य को लेकर निकले हैं, प्रेम और स्वेच्छा से दिल बदलेंगे। हम चाहते हैं वेष कीमती मनुष्य शरीर के पाने के महत्व को लोग समझें और गृहस्थ आश्रम के कार्यों को करते हुये थोड़ा सा समय निकाल कर भगवान का भजन भी करें। आत्मा की सारी शक्ति शरीर के नौ दरवाजों में फैली है। उसे केन्द्रित करके दसवें द्वार (भृकुटी बिलास) में लायेंगे तो गुरु की कृपा से आत्मा की शक्ति का बोध हो जायेगा।

उन्होंने कहा इस कलियुग में सन्तों का अवतरण हुआ जिन्होंने दया करके सुरत-षब्द योग (नाम योग) का आत्म कल्याण हेतु सरल रास्ता जारी किया और बताया कि सारी आत्मायें षब्द (नाम) पर उतार कर लाई गई हैं। उस षब्द से सुरत का सम्बन्ध टूट गया अब उसे यह वोध नही रहा कि हम कहां से आई, हमारा सच्चा पिता कौन और कहाँ है? प्रभु को पाने वाले सन्त, महापुरुश जब मिल जायेंगे तब रास्ता बता देंगे। साधना और गुरू कृपा से आत्मा में विराजमान दिव्य दृश्टि (तीसरा नेत्र) तीसरा कान खुल जायेगा और आप प्रकाष के चौड़े मैदान में खड़े हो जायेंगे, त्रिकालदर्षी हो जायेंगे। जीवन सार्थक हो जायेगा। 

संस्था प्रमुख ने गुरु की महिमा पर बहुत प्रकाष डाला। गुरु को सर्वोच्च दयागार कहा। गुरु के बराबर कोई नहीं। यहां तक कि सतनाम अनामी भी गुरु के आगे कुछ नहीं। गुरु मेरे पूर्ण कृपा के आधार हैं। मैं उन्हीं का गुण गाऊँगा। उनके नाम को रोषन करने में अपनी पूरी ताकत जीवन लगा दूंगा। उन्होंने कलयुग की सुगम से सुगम नाम योग साधना का उपदेष किया। जयगुरुदेव नाम की महिमा सुनाई कहा कि यह नाम समय का जागृत एवं सिद्ध नाम है। संकट की घड़ी में मददगार होगा। मौत के वक्त इस नाम को श्वांस, श्वांस पर याद करने पर मौत की पीड़ा कम होगी। ‘जयगुरुदेव’ नाम का जहाज हमारे गुरु महाराज लगा कर गये हैं। इस जहाज पर जितने भी जीव चढ़ जायेंगे यह जहाज सबको पार उतारेगा। अभी आप क्या देखते हैं, ‘जयगुरुदेव‘ नाम से ना जाने कितनी रूहें खेप की खेप भवपार चली जायेंगी। सारी दुनिया को शांति इसी नाम से मिलेगी। एक दिन सारी दुनिया ‘‘जयगुरुदेव’’ नाम को याद करेगी। जातियॉ कर्म के अनुसार बनी न कि जन्म से। इसलिये बिना जाति-पॉति के भेद किये भजन का रास्ता लेकर साधना करके आत्मकल्याण करें। आज समाज में परस्पर प्रेम सद्भाव की आवष्यकता है। प्रेम से मिल जुलकर जीवन यापन करें। षाकाहार-सदाचार अपनाकर, नषों का त्याग करें। अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें।

संत पंकज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ.प्र.) में होली महोत्सव के अवसर पर आगामी 7, 8 व 9 मार्च को आयोजित होली सत्संग मेला में पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते हैं। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व मीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे में भी बताया। शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिये पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।

इस अवसर पर गांव के सरपंच फुंदी बाई, दुलासिंह, हरेरामजी पटेल पं.सुधीर भट्ट , लल्लू पाटीदार, कृष्णपाल सिंह, गुड्डू भाई, कैलाश भूरिया, गलिया डोडियार, रणछोर, रतन मुनिया, राम लाल भूरिया, प्रभु डिंडोर, पप्पू सिंगार, सहयोगी संगत बलिया से विश्राम गुप्ता, रामपुर संगत के टीकाराम के साथ-साथ संस्था के कई पदाधिकारी व सामान्य सभा के सदस्यगण आदि उपस्थित रहे। सत्संग के पश्चात यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम ज्ञानपुरा जिला-धार (म.प्र.) के लिये प्रस्थान कर गई। जहां कल (आज) प्रातः 11.30 बजे से सत्संग समारोह आयोजित होगा।

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