अपनों व अपने पूरे घर परिवार की दशा व दिशा हमेशा अच्छी रहे इसके लिए दशा माता की पूजा अर्चना की गई

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जीवन राठोड़ सारंगी

शुभ मुहूर्त में नगर की माताओं व बहु बेटियों ने  हनुमान मंदिर के सामु दशा माता  परिसर में पिपल के वृक्ष की पूजा-अर्चना करने पहुंची दशा माता का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा घर, परिवार की दशा व दिशा सुधारने और पति की लंबी उम्र तथा परिवार में सुख-शांति व समृद्धि बनाए रखने के लिए किया करती हैं।

पूजा संपन्न होने के बाद महिलाएं समूह बनाकर दशा माता की कथा सुनती है

महिलाएं सोलह श्रृंगार कर नए वस्त्र व आभूषण धारण कर, पूजा की थाली लेकर पीपल वृक्ष की पूजा के लिए पहुंचीं। परंपरा के अनुसार, वृक्ष के चारों ओर सूत का धागा हाथ में लेकर परिक्रमा करती है सूत के धागे को गले में पहनती है। पंडित राधेश्याम व मयुर जोशी द्वारा द्वारा दशा माता की कथा सुनाई गई। पूजा-अर्चना कि ओर अपने घरों में कभी अन्न की कमी ना हो इस लिए परिसर में खेत बना कर अनाज भी बुवाई की जाती है और उसके पश्चात महिलाएं महिलाएं अपने घर खुशी-खुशी लौट कर घर पहुंच कर आंगन की व मकान की पुजन की ओर फिर झाड़ूओं की पूजा कर मां लक्ष्मी से घर में अन्न, धन्न ओर परिवार में सुख , समृद्धि व शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।

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