सरपंच-सचिव ने ग्रामीणों के साथ की धोखाधड़ी….

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शान ठाकुर, पेटलावद

शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन बनवाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को गांव में ही अच्छी सुविधाए मिल सके। ग्रामीण अपने छोटे-बड़े कार्य सामुदायिक भवन में कम खर्च पर कर सकते हैं। जिसको लेकर शासन के द्वारा महत्वपूर्ण योजना चलाई जा रही है। लेकिन पेटलावद जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बोलासा में सरपंच और सचिव की मिली भगत से ग्रामीणों के साथ सामुदायिक भवन के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। 

यह है मामला 

दरअसल ग्राम पंचायत बोलासा में सामुदायिक भवन को लेकर लगातार ग्रामीणों के द्वारा मांग की जा रही थी, किंतु सरपंच सचिव द्वारा ग्रामीणों को लगातार यह कहा गया कि गांव में कोई शासकीय भूमि नहीं है ऐसे में सामुदायिक भवन बनाया जाना संभव नहीं है। जिस पर ग्रामीणों द्वारा अपने खर्चे पर सामुदायिक भवन की भूमि खरीदने को लेकर मन बनाया गया और फिर गरीब भोले-भाले आदिवासियों ने प्रत्येक घर से 5-5 हजार रुपये एकत्रित किए और गांव में ही लामडीपाड़ा फलिया में एक भूमि खरीदी गई। जिसकी चौड़ाई 52 फिट ओर लंबाई 75 फिट है। ग्रामीणों द्वारा करीब 5 लाख 25 हजार में भूमि खरीदी गई। और पंचायत से उक्त भूमि पर सामुदायिक भवन बनाए जाने को लेकर बात कही गई। जिस पर सरपंच सचिव ने कहा कि निजी भूमि पर शासकीय रुपयों से भवन नहीं बनाया जा सकता है। सरपंच सचिव के कहे अनुसार ग्रामीणों द्वारा अपने निजी पैसों से खरीदी गई भूमि पंचायत के नाम करने का फैसला लिया। ग्रामीण एवं पंचायत सरपंच सचिव के बीच यह सहमति बनी की जिस भूमि को ग्रामीणों द्वारा खरीदा गया है वही शासकीय सामुदायिक भवन बनाया जाएगा। उक्त भूमि ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत सचिव भागू सिंह पारगी तर्फे मध्यप्रदेश शासन ग्राम पंचायत बोलासा के नाम के नाम करते हुए भूमि की रजिस्ट्री की गई। दिनांक 14 जनवरी 2025 को ग्रामीणों द्वारा पंचायत के नाम भूमि की रजिस्ट्री करवा दी गई। किंतु अब मामले में ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव उक्त भूमि पर भवन बनाने को लेकर कोई पहल नहीं कर रहे हैं, ऐसे में ग्रामीणों द्वारा पेटलावद एसडीएम को जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। जबकि रजिस्ट्री करवाने के पूर्व ग्रामीण और सरपंच सचिव के बीच यह सहमति बनी थी कि उक्त भूमि पर ही सामुदायिक भवन का निर्माण होगा जिसका सहमति लेख भी 500 रुपये के स्टाम्प पर लिखा गया था। किंतु ग्रामीणों के साथ सीधे तौर पर यहां धोखाधड़ी करने का मामला प्रतीत हो रहा है। 

ग्रामीणों ने कहा

जन सुनवाई में आवेदन देने पहुचे प्रहलाद भूरिया व अन्य ग्रामीणों द्वारा जानकारी देते हुए बताया की सरपंच-सचिव द्वारा सामुदायिक भवन बनाने को लेकर जिस भूमि पर सहमति दी गई थी और रजिस्ट्री करवाई गई थी। उक्त भूमि पर सामुदायिक भवन नहीं बनवाया जा रहा है और सरपंच द्वारा अन्य स्थान पर सामुदायिक भवन का कार्य शुरू कर दिया गया है। जबकि जिस स्थान पर भवन का काम शुरू किया गया है वह अनुपयोगी साबित होगा और हमारे साथ भी धोखाधड़ी ही की गई है। हमने हमारे पैसों से चंदा एकत्रित कर भूमि खरीदी और पंचायत के नाम की लेकिन अब सरपंच द्वारा उक्त भूमि पर भवन बनाने से इनकार कर दिया गया है। हमारे द्वारा पेटलावद एसडीएम सहित अन्य अधिकारियों को मामले की शिकायत की गई है। 

सरपंच-सचिव एक दूसरे को बता रहे गलत

मामले में हमारे द्वारा जब सरपंच सचिव से चर्चा करना चाही तो सरपंच गेंदालाल सिंगाड और सचिव भांगू सिंह पारगी एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए नजर आए। सचिव पारगी ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा सामुदायिक भवन बनाने को लेकर पंचायत के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई है और मैं तो चाहता हूं कि वही सामुदायिक भवन बने लेकिन कुछ ग्रामीण और सरपंच साहब यहां भवन नहीं बनाना चाहते हैं। वही सरपंच गेंदालाल सिंगाड ने कहा कि मुझे तो यह जानकारी भी नहीं है कि ग्रामीणों द्वारा पंचायत के नाम किसी जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है ना ही हमारे बीच कोई आपसी सहमति लेख लिखा गया है। सरपंच ने उक्त रजिस्ट्री को भी फर्जी बता दिया है और मामले से पल्ला झाड़ लिया है।

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