शिव पुराण कथा में बोले पंडित प्रफुल्ल- शिव वह जो खुद शमशान में रहे और भक्तों को आलीशान महल दे

0

पेटलावद। शिव वह जो विष का पान कर सभी को अमृत बांटे,शिव वह जो खुद शमशान में रहे और भक्तों को आलीशान महल दे, शिव वह जो योग के परे और भक्ति के अंदर समाया है, शिव निराकार से लेकर साकार तक है। इसे शिव की भक्ति करने से भक्तों को सुफल मिलते है। श्रावण माह शिव का पवित्र और प्रिय माह है इसमें जो भी शिव की भक्ति कर उसे मना लेता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। इसलिए शिव की पूजा अर्चना करें और उन्हें प्रसन्न करे। उक्त बात पं. प्रफुल्ल शुक्ला ने निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर शिव पुराण के दरमियान कहीं। उन्होंने शिव पार्वती विवाह का वर्णन और गणेश जन्म की कथा सुनाते हुए भक्तों का कहा कि शिव ने जो भी लीलाएं की है वह भक्तों को सद्मार्ग पर चलाने और उनका उद्धार करने के लिए की है। शिव को प्रसन्न करना आसान है क्योंकि वे तो भोले भंडारी है जो आसानी से प्रसन्न हो जाते है किंतु इसके लिए मनुष्य का ह्दय पवित्र होना चाहिए। गौरतलब है कि शिव पुराण का वाचन स्थानीय मंदिर पर लगभग 70 वर्षो से चला आ रहा है। पं. भीमाशंकर शुक्ला, पं. हरिकृष्ण शुक्ला और अब पं. प्रफुल्ल शुक्ला इसका वाचन कर रहे है। श्रावण मास का कथा का श्रवण करने के लिए सर्वाधिक मातृ शक्ति की भीड़ लगती है। इसके साथ ही अन्य ग्रामों से भी भक्त आते है। प्रतिदिन सुबह 11 बजे से 5 बजे तक शिव पुराण का वाचन होता है और शाम को आरती कर महाप्रसादी का वितरण किया जाता है।
– कथा का वाचन करते हुए पं. प्रफुल्ल शुक्ला.

Leave A Reply

Your email address will not be published.